भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कच्छ डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लि., कच्छ (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कच्छ डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लि., कच्छ (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया
19 दिसंबर 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कच्छ डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लि., कच्छ (गुजरात) भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 16 दिसंबर 2022 के आदेश द्वारा, दि कच्छ डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लि., कच्छ (गुजरात) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘गैर- अनुसूचित राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों के लिए आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) तथा राज्य सहकारी बैंकों और केंद्रीय सहकारी बैंकों के लिए सांविधिक चलनिधि अनुपात (एसएलआर) बनाए रखना’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में इसके निरीक्षण रिपोर्ट तथा उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने न्यूनतम आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को बनाए नहीं रखा था, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का उल्लंघन हुआ है। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का उल्लंघन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1406 |