भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कालूपुर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कालूपुर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद पर मौद्रिक दंड लगाया
17 मई 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कालूपुर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 9 मई 2022 के आदेश द्वारा दि कालूपुर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद (बैंक) पर आरबीआई द्वारा जारी 'जमाराशि पर ब्याज दर' और 'शहरी सहकारी बैंकों में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन' संबंधी निदेशों के अननुपालन के ₹44.00 लाख (चवालीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2019 और 31 मार्च 2020 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में आरबीआई द्वारा किए गए सांविधिक निरीक्षण, निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला है कि निम्नलिखित सीमा तक आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अननुपालन किया गया है (i) कतिपय सावधि जमाराशियों पर उस अवधि के लिए ब्याज का भुगतान करने में विफल रहा, जिस अवधि के लिए वे परिपक्वता के बाद दावा रहित रहीं, (ii) दिवंगत वैयक्तिक जमाकर्ताओं/एकल स्वामित्व वाली संस्थाओं के चालू खातों में पड़ी जमाराशियों पर लागू ब्याज का भुगतान करने में विफल रहा और (iii) आरबीआई को कतिपय धोखाधड़ियों की सूचना देरी से दी। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वे कारण बताएं कि आरबीआई द्वारा जारी निदेशों, जैसा कि उसमें कहा गया है, के उल्लंघन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने तथा बैंक के द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जांच करने के बाद आरबीआई इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि आरबीआई द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और ऐसे निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/222 |