भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि केंद्रपाड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केंद्रपाड़ा, ओडिशा पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि केंद्रपाड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केंद्रपाड़ा, ओडिशा पर मौद्रिक दंड लगाया
14 नवंबर 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि केंद्रपाड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केंद्रपाड़ा, ओडिशा भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 10 नवंबर 2022 के आदेश द्वारा, दि केंद्रपाड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, केंद्रपाड़ा, ओडिशा (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि संबंधी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि बैंक के अभिलेखों की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का उल्लंघन/ अननुपालन इस सीमा तक किया गया कि बैंक जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि में सभी पात्र शेष राशियों को अंतरित करने में विफल रहा, किन्तु इस संबंध में एक गलत प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1195 |