RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

81307960

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि केरल स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तिरुवनंतपुरम पर मौद्रिक दंड लगाया

10 अक्तूबर 2022

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि केरल स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तिरुवनंतपुरम पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 अक्तूबर 2022 के आदेश द्वारा दि केरल स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, तिरुवनंतपुरम (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 19 के प्रावधानों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘स्वर्ण ऋण- एकबारगी चुकौती’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए 48.00 लाख (अड़तालीस लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

31 मार्च 2019 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, उससे संबंधित निरीक्षण रिपोर्ट और बैंक के साथ किए गए पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने अधिनियम की धारा 56 के साथ पठित धारा 19 के प्रावधानों का उल्लंघन किया, जब उसने आरबीआई के निदेशों का पालन नहीं किया, जिसमें वह सीमा और शर्त निर्धारित की गई है जिसके अंतर्गत सहकारी बैंकों को किसी अन्य सहकारी समिति में शेयर रखने की अनुमति दी गई थी और यह कि बैंक, एकबारगी विकल्प के अंतर्गत दिए जा सकने वाले स्वर्ण ऋणों की मात्रा को सीमित करने वाले भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों का पालन करने में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने और उसके अंतर्गत जारी निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अधिनियम के उपर्युक्त प्रावधानों और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के आरोप सिद्ध हुए हैं और इन प्रावधानों तथा निदेशों के अननुपालन की सीमा तक मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1020

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?