भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कच्छ मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, रापर, जिला कच्छ, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि कच्छ मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, रापर, जिला कच्छ, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 30 नवंबर 2023 के आदेश द्वारा दि कच्छ मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, रापर, जिला कच्छ, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) द्वारा अन्य बैंकों में जमाराशि रखना' तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के 'एक्सपोजर मानदंड और सांविधिक/ अन्य प्रतिबंध- यूसीबी' संबंधी निदेशों के साथ पठित 'नाममात्र सदस्यता के संबंध में नीति और कार्य प्रणाली’ संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा निरीक्षण रिपोर्ट, जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने (i) विवेकपूर्ण अंतर-बैंक सकल एक्सपोज़र सीमा के साथ-साथ विवेकपूर्ण अंतर-बैंक प्रतिपक्षकार एक्सपोज़र सीमा का उल्लंघन किया; और (ii) अपने नाममात्र सदस्यों को ऐसे ऋण स्वीकृत किए, जिसमें प्रत्येक मामले में ऋण की राशि लागू सीमा से अधिक थी। परिणामस्वरूप, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1530 |