भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि लूनावाड़ा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महिसागर (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि लूनावाड़ा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महिसागर (गुजरात) पर मौद्रिक दंड लगाया
3 अक्तूबर 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि लूनावाड़ा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महिसागर (गुजरात) भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने दिनांक 27 सितंबर 2022 के आदेश द्वारा दि लूनावाड़ा पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महिसागर (गुजरात) (बैंक) पर, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'निदेशकों, रिश्तेदारों और फर्मों/संस्थाओं को ऋण और अग्रिम जिसमें उनके हित हैं' तथा 'निदेशकों को ऋण और अग्रिम आदि- प्रतिभू / गारंटीकर्ता के रूप में निदेशक - स्पष्टीकरण' संबंधी निदेशों के उल्लंघन के लिए ₹50,000/- (पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए इसके सांविधिक निरीक्षण, निरीक्षण रिपोर्ट और उससे संबंधित जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट तथा सभी संबंधित पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने अपने निदेशकों के रिश्तेदारों को तीन ऋण स्वीकृत किए तथा पांच ऐसे ऋण स्वीकृत किए, जिसमें निदेशकों के रिश्तेदार प्रतिभू/ गारंटीकर्ता के रूप में हैं, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का उल्लंघन हुआ। उक्त के आधार पर बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के लिए दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपरोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/990 |