RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

109873565

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि मेहसाना अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 3 जुलाई 2024 के आदेश द्वारा दि मेहसाना अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘निदेशकों और उनके रिश्तेदारों तथा उन फर्मों/ संस्थाओं, जिनमें उनका हित हो, को ऋण और अग्रिम, ‘प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए व्यापक साइबर सुरक्षा ढांचा’, ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले’, ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड’ और ‘ट्रस्टों और संस्थानों को दान जहां निदेशक, उनके रिश्तेदार पदाधिकारी हैं या रुचि रखते हैं’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹5,93,30,000/- (पाँच करोड़ तिरानबे लाख तीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि अनुदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। बैंक ने (i) कंपनियों/ संगठनों, जहां निदेशक या उनके रिश्तेदार का हित हो, को निदेशक संबंधी बहुविध ऋण सुविधाएं (दोनों निधि और गैर-निधि आधारित) मंजूर या नवीनीकृत कीं, इसके बावजूद कि उन्हें इसके लिए पहले दंडित किया जा चुका था; (ii) आरबीआई द्वारा निर्धारित साइबर सुरक्षा ढांचे के अंतर्गत कुछ बुनियादी साइबर सुरक्षा नियंत्रण उपायों और आवश्यकताओं को लागू नहीं किया; (iii) कुछ उधारकर्ताओं की ऋण सुविधाओं को अनर्जक आस्तियों (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत नहीं किया; (iv) कई एकल ग्राहकों को बहुविध विशिष्ट ग्राहक पहचान कोड (यूसीआईसी) आवंटित किए; और (v) किसी ऐसे ट्रस्ट/संस्था को दान दिया जिसमें उसके निदेशक पदाधिकारी थे/ उनका हित था।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

 

(पुनीत पंचोली)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/687

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?