भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि नासिक मर्चेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नासिक पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि नासिक मर्चेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नासिक पर मौद्रिक दंड लगाया
20 नवंबर 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 2 नवंबर 2023 के आदेश द्वारा दि नासिक मर्चेंट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, नासिक (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 'यूसीबी में धोखाधड़ी: निगरानी और रिपोर्टिंग तंत्र में परिवर्तन' और 'जमा खातों का रखरखाव' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹48.30 लाख (रुपये अड़तालीस लाख तीस हजार मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47-ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
पृष्ठभूमि
31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट, निरीक्षण रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने (i) धोखाधड़ी के मामलों की विलंब से रिपोर्ट की, (ii) निष्क्रिय बचत बैंक (एसबी) खातों में न्यूनतम शेषराशि न बनाए रखने के लिए दंडात्मक प्रभार लगाया, और (iii) ग्राहकों को सूचित किए बिना एसबी खातों में न्यूनतम शेषराशि बनाए न रखने पर दंडात्मक प्रभार लगाया। परिणामस्वरूप, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।
नोटिस पर बैंक के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के उपरोक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
(योगेश दयाल) मुख्य महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1324 |