भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि परवाणू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, परवाणू, हिमाचल प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि परवाणू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, परवाणू, हिमाचल प्रदेश पर मौद्रिक दंड लगाया
21 नवंबर 2022 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि परवाणू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, परवाणू, हिमाचल प्रदेश भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 नवंबर 2022 के आदेश द्वारा दि परवाणू अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, परवाणू, हिमाचल प्रदेश (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 35ए और धारा 36(1)(ए) के उल्लंघन के लिए ₹3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है, क्योंकि बैंक पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए विशिष्ट निदेशों का पालन करने में विफल रहा। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 को बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर इसके निरीक्षण रिपोर्ट और जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ़) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए गए विशिष्ट निदेशों का अननुपालन किया है। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उनसे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि उक्त निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1238 |