भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सहयाद्रि सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सहयाद्रि सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया
9 अक्तूबर 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सहयाद्रि सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई, महाराष्ट्र पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 15 सितंबर 2023 के आदेश द्वारा दि सहयाद्रि सहकारी बैंक लिमिटेड, मुंबई (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए, पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी कतिपय निदेशों के उल्लंघन तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के 'अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) और 'जमा खातों का रखरखाव-प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक' संबंधी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹6.00 लाख (छह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक ने (i) जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि (डीईएएफ) में पात्र राशि अंतरित नहीं की, (ii) एसएएफ के अंतर्गत जारी विशिष्ट निदेशों के उल्लंघन में जमाराशियों पर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों से अधिक दर प्रस्तावित की, (iii) अपने ग्राहकों के केवाईसी के आवधिक अद्यतनीकरण के लिए कोई प्रणाली स्थापित नहीं की, (iv) निष्क्रिय खातों की वार्षिक समीक्षा नहीं की, और (v) अपने उच्च जोखिम वाले ग्राहकों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा नहीं की। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि निदेशों, जैसा कि उसमें उल्लिखित है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/1077 |