RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

111540897

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि सूरत पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 23 सितंबर 2024 के आदेश द्वारा दि सूरत पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, सूरत (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले’, ‘निदेशकों और उनके रिश्तेदारों तथा फर्मों/संस्थाओं, जिनमें उनके हित हों, को ऋण और अग्रिम’, ‘जमा खातों का रखरखाव’ और ‘ग्राहक सेवा’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹61.60 लाख (इकसठ लाख साठ हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46 (4) (i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

31 मार्च 2022 औए 31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने और इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जांच के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

बैंक ने:

  1. कतिपय उधारकर्ताओं के ऋण खातों को अनर्जक आस्तियों के रूप में वर्गीकृत नहीं किया;

  2. कतिपय निदेशक-संबंधी ऋणों को संस्वीकृत/ नवीनीकृत किया;

  3. कतिपय निष्क्रिय बचत बैंक/ चालू खातों में न्यूनतम शेष राशि न रखने के लिए दंडात्मक प्रभार लगाया और वसूली की; और

  4. कतिपय ग्राहकों पर एसएमएस अलर्ट भेजने के लिए प्रभार लगाया, जबकि ऐसे ग्राहकों के मोबाइल नंबर रिकॉर्ड में नहीं थे।

यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(पुनीत पंचोली)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1167

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?