भारतीय रिज़र्व बैंक ने तमिलनाडु स्टेट अपेक्स को-ऑपरेटिव बैंक लि., चेन्नई पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने तमिलनाडु स्टेट अपेक्स को-ऑपरेटिव बैंक लि., चेन्नई पर मौद्रिक दंड लगाया
24 अप्रैल 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने तमिलनाडु स्टेट अपेक्स को-ऑपरेटिव बैंक लि., चेन्नई भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 21 अप्रैल 2023 के आदेश द्वारा, तमिलनाडु स्टेट अपेक्स को-ऑपरेटिव बैंक लि., चेन्नई (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 56 के साथ पठित धारा 26ए (2) के प्रावधानों के उल्लंघन तथा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा “धोखाधड़ी की समीक्षा- निगरानी और रिपोर्टिंग प्रणाली संबंधी दिशानिर्देश’ पर जारी निदेशों के अननुपालन के लिए ₹16.00 लाख (सोलह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2020 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में नाबार्ड द्वारा किए गए बैंक के सांविधिक निरीक्षण, तथा निरीक्षण रिपोर्ट और उससे संबंधित सभी पत्राचार की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक (i) पात्र राशियों को निर्धारित अवधि के भीतर जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता कोष में अंतरित करने और (ii) निर्धारित समय- सीमा के भीतर नाबार्ड को धोखाधड़ी की सूचना देने में विफल रहा तथा विलंब से इसकी सूचना दी। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि सांविधिक निदेशों, जैसा कि उनमें कहा गया है, के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर, उसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि उपर्युक्त सांविधिक प्रावधान के उल्लंघन और नाबार्ड द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन का आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/118 |