भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, राउरकेला (ओडिशा) पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, राउरकेला (ओडिशा) पर मौद्रिक दंड लगाया
19 जून 2023 भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, राउरकेला (ओडिशा) पर मौद्रिक दंड लगाया भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 9 जून 2023 के आदेश द्वारा दि अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, राउरकेला (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) और जमा खातों के रखरखाव - प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों संबंधी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए ₹6.00 लाख (छह लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों के अनुपालन में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। पृष्ठभूमि 31 मार्च 2021 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, पता चला कि बैंक i) कारोबार की प्रकृति और प्रमाण के संबंध में आवश्यक दस्तावेज प्राप्त नहीं करने पर उपयुक्त ग्राहक समुचित सावधानी सुनिश्चित करने में ii) ग्राहकों के स्थानीय पते की पुष्टि किए बिना खातों में लेनदेन की अनुमति देने पर ग्राहक पहचान से संबंधित निर्देशों का पालन करने में और iii) चेक बुक जारी करने से संबंधित निर्देशों का अनुपालन करने में विफल रहा। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतिकरण और व्यक्तिगत सुनवाई के बाद बैंक द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतिकरण पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुए हैं है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/437 |