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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि वेपार उध्योग विकास सहकारी बैंक लिमिटेड, जिला दाहोद, गुजरात पर मौद्रिक दंड लगाया

रिज़र्व बैंक ने दिनांक 12 नवंबर 2024 के आदेश द्वारा दि वेपार उध्योग विकास सहकारी बैंक लिमिटेड, जिला दाहोद, गुजरात (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) के अनुरक्षण’ और ‘अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹1.50 लाख (एक लाख पचास हजार रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56  के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।                   

31 मार्च 2023 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और उससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान इसके द्वारा की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।   
बैंक:

  1. कतिपय दिनों के लिए न्यूनतम सीआरआर बनाए रखने में विफल रहा;
  2. कतिपय ग्राहकों के केवाईसी का आवधिक अद्यतन करने में विफल रहा; और
  3. छह महीने में कम से कम एक बार कतिपय खातों के जोखिम वर्गीकरण की समीक्षा करने में विफल रहा। 
यह कार्रवाई, विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।  

 

(पुनीत पंचोली)  
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1529

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