भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूको बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने यूको बैंक पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 26 अगस्त 2024 के आदेश द्वारा यूको बैंक (बैंक) पर बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (बीआर अधिनियम) की धारा 26ए के प्रावधानों के उल्लंघन तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ‘अग्रिमों पर ब्याज दर’, ‘बैंकों द्वारा चालू खाते खोलना - अनुशासन की आवश्यकता’, ‘जमाराशियों पर ब्याज दर’ और ‘वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा एफआई द्वारा धोखाधड़ी का वर्गीकरण और रिपोर्टिंग’ संबंधी कतिपय निदेशों के अननुपालन के लिए ₹2,68,30,000 (दो करोड़ अड़सठ लाख तीस हजार रूपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बीआर अधिनियम की धारा 46 (4) (i) और धारा 51 (1) के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। नोटिस पर बैंक के उत्तर, इसके द्वारा की गई अतिरिक्त प्रस्तुतियों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि बैंक के विरुद्ध निम्नलिखित आरोप सिद्ध हुए हैं, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है: बैंक: ए. अस्थायी दर वैयक्तिक/ खुदरा ऋण और एमएसएमई को दिए जाने वाले ऋण को बाह्य बेंचमार्क से बेंचमार्क करने में विफल रहा; यह कार्रवाई, सांविधिक और विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। (पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1010 |