भारतीय रिज़र्व बैंक ने अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मऊनाथ भंजन पर मौद्रिक दंड लगाया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मऊनाथ भंजन पर मौद्रिक दंड लगाया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 29 मार्च 2024 के आदेश द्वारा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मऊनाथ भंजन (बैंक) पर 'प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए पर्यवेक्षी कार्रवाई ढांचे (एसएएफ)' के अंतर्गत जारी निषेधात्मक आदेश/ निदेश के अननुपालन के लिए ₹5.00 लाख (पाँच लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धाराओं 46(4)(i) और 56 के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है। 31 मार्च 2022 को बैंक की वित्तीय स्थिति के संदर्भ में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक का सांविधिक निरीक्षण किया गया। भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन के पर्यवेक्षी निष्कर्षों और इससे संबंधित पत्राचार के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताए कि उक्त निदेशों के अनुपालन में विफलता के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए। नोटिस पर बैंक के उत्तर पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक ने, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पाया कि एसएएफ के अंतर्गत जारी किए गए विशिष्ट निर्देशों का उल्लंघन करते हुए भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों की तुलना में मियादी और बचत जमाराशियों पर अधिक ब्याज दरें प्रदान करने का आरोप सिद्ध हुआ है, जिसके लिए मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है। यह कार्रवाई विनियामकीय अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है। इसके अलावा, इस मौद्रिक दंड को लगाने से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंक के विरुद्ध की जाने वाली किसी भी अन्य कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/102 |