भारतीय रिज़र्व बैंक ने डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, निलंगा, जिला लातूर, महाराष्ट्र पर निदेश जारी किए - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, निलंगा, जिला लातूर, महाराष्ट्र पर निदेश जारी किए
22 फरवरी 2019 भारतीय रिज़र्व बैंक ने डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, भारतीय रिजर्व बैंक ने डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, निलंगा, जिला लातूर, महाराष्ट्र पर कतिपय निदेश जारी किए है। ये निदेश 16 फ़रवरी 2019 को बैकिंग कारोबार की समाप्ति से छह महीनों की अवधि के लिए लागू रहेंगे। निदेश के अनुसार, डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, निलंगा, जिला लातूर, महाराष्ट्र भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्वानुमति लिए बिना, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचित निदेशों के अलावा किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूर या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से संबंधित या अन्यथा हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्य किसी रीति से उसका निपटान करेगा। इसके अलावा 16 फ़रवरी, 2019 को जारी निदेश की तारीख से छह माह तक की अवधि के दौरान, प्रत्येक जमाकर्ता को प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी अन्य जमा खाते में, जिस किसी नाम से कहा जाए, कुल शेष में से ₹ 1000/-(एक हजार रूपए मात्र) से अधिक राशि आहरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, बशर्ते कि ऐसे जमाकर्ता की बैंक के प्रति किसी भी तरीके की देयता हो, अर्थात या तो एक उधारकर्ता या जमानती के रूप में, राशि को पहले संबंधित उधारकर्ता खाते से समायोजित किया जाएगा। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी ये निदेश बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी संस्थाओं पर यथालागू) की धारा 35क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। निदेश की प्रतिलिपि इच्छुक जन के अवलोकनार्थ बैंक परिसर में प्रदर्शित की गई है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा उक्त निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने उक्त बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। अनिरुद्ध डी. जाधव प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/2009 |