भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद (तेलंगाना) को निदेश जारी किए - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद (तेलंगाना) को निदेश जारी किए
11 जनवरी 2019 भारतीय रिज़र्व बैंक ने श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित को देखते हुए श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद को कतिपय निदेश जारी करना आवश्यक है। तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा यह निदेश देता है कि श्री भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड, हैदराबाद 02 जनवरी 2019 को कारोबार की समाप्ति से, भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, नीचे बताई गई सीमा और रीति को छोड़कर, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर नहीं करेगा या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियां उधार लेने और नई जमाराशियां स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा से संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्यथा रीति से उसका निपटान करेगा :
जब तक कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लिखित रूप में विशिष्ट रूप से अनुमोदित न किया जाए तब तक बैंक न तो कोई अन्य देयताएं अपने ऊपर लेगा और न ही उनका निपटान करेगा। इच्छुक जन सदस्यों के अवलोकनार्थ विस्तृत निदेश बैंक परिसर में प्रदर्शित किए गए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा। ये अनुदेश 02 जनवरी 2019 को कारोबार समाप्ति के बाद से छह महीने की अवधि तक प्रभावी रहेंगे और ये समय-समय पर की जाने वाली समीक्षा के अधीन हैं। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/1630 |