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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि वैश्य को-ऑपरेटिव कमर्शियल बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली पर निदेश जारी किए

9 सितंबर 2015

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि वैश्य को-ऑपरेटिव कमर्शियल बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली पर निदेश जारी किए

भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि जनहित को देखते हुए दि वैश्य को-ऑपरेटिव कमर्शियल बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली को कतिपय निदेश जारी करना आवश्यक है। तदनुसार, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (सहकारी समितियों पर यथालागू) की धारा 56 के साथ पठित बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35क की उप धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा यह निदेश देता है कि दि वैश्य को-ऑपरेटिव कमर्शियल बैंक लिमिटेड, नई दिल्ली 8 सितंबर 2015 को कारोबार की समाप्ति से, भारतीय रिज़र्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, नीचे बताई गई सीमा और रीति को छोडकर, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर नहीं करेगा या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा, निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उसकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और अपनी किसी भी संपत्ति या आस्ति को न तो बेचेगा, न अंतरित करेगा या अन्यथा रीति से उसका निपटान करेगा:

i. प्रत्येक बचत बैंक या चालू खाते में या किसी भी अन्य जमा खाते में, उसे चाहे जिस किसी भी नाम से पुकारा जाए, कुल शेष में से प्रत्येक जमाकर्ता को 1,000/- (एक हजार रुपये मात्र) तक की राशि आहरित करने की अनुमति दी जा सकती है, बशर्ते ऐसे जमाकर्ता या जमानतदार की बैंक के प्रति कोई देनदारियाँ हों तो उस राशि को पहले संबंधित उधार खाते/खातों में समायोजित किया जाए।

ii. परिपक्वता पर मौजूदा मीयादी जमाराशि का नवीकरण उसी नाम और उसी क्षमता में किया जाए।

iii. उपर्युक्त निदेश के अंतर्गत दी गई अनुमति के अनुसार व्यय।

जब तक की भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा लिखित रूप में विशिष्ट रूप से अनुमोदित न किया गया हो, बैंक न तो कोई अन्य देयताएं अपने ऊपर लेगा और न ही उनका निपटान करेगा।

हित रखनेवाले जन सदस्यों के अवलोकनार्थ विस्तृत निदेश बैंक परिसर में प्रदर्शित किए गए हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर निदेशों में संशोधन करने पर विचार कर सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कारोबार करना जारी रखेगा।

ये अनुदेश अगली सूचना जारी होने तक प्रभावी बने रहेंगे।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2015-2016/626

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