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भारतीय रिज़र्व बैंक ने शहरी बैंकों के लिए विलयन/समामेलन पर दिशानिर्देश जारी किये

2 फरवरी 2005

भारतीय रिज़र्व बैंक ने शहरी बैंकों के लिए

विलयन/समामेलन पर दिशानिर्देश जारी किये

भारतीय रिज़र्व बैंक के पास पिछले कुछ दिनों में कुछ शहरी सहकारी बैंकों (शहरी बैंक) ने विलयन/समामेलन में रुचि दिखायी हैं।

इन संस्थाओं को समेकन के लिए प्रोत्साहित करने तथा समेकन को आसान बनाने के लिए जिससे कि मज़बूत संस्थाएं उभरें और सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की कमज़ोर/अलाभकारी संस्थाओं के लिए बाहर जाने के रास्ते खोले जायें इसके लिए रिज़र्व बैंक ने इस क्षेत्र में विलयन/समामेलन सुविधापूर्ण बनाने के लिए उचित दिशानिर्देश जारी करने और उन्हें पब्लिक डोमैन पर रखने का निर्णय लिया है। ये दिशानिर्देश शहरी सहकारी बैंकों के मुख्य कार्यपालकों के पास इस अनुरोध के साथ भेजे गये हैं कि उन्हें उनके निदेशक बोड़ के समक्ष रखा जाए। ये दिशानिर्देश सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को भी भेजे गये हैं।

दिशानिर्देशों के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक, निम्नलिखित परिस्थितियों में शहरी बैंक क्षेत्र में विलयन और समामेलन के लिए प्रस्तावों पर विचार करेगा :

    1. जब अर्जित बैंक की निवल संपत्ति सकारात्मक है और जिस बैंक ने अर्जन किया है, वह अर्जित बैंक के सभी जमाकर्ताओं की समग्र जमाराशियां संरक्षित करने का आश्वासन देता है;
    2. जब अर्जित बैंक की निवल संपत्ति नकारात्मक है, परंतु जिस बैंक ने अर्जन किया है वह स्वयं ही अर्जित बैंक के सभी जमाकर्ताओं की जमाराशियां संरक्षित करने का आश्वासन देता है;
    3. जब अर्जित बैंक की निवल संपत्ति नकारात्मक है और जिस बैंक ने अर्जन किया है वह राज्य सरकार द्वारा विलयन की प्रक्रिया के एक भाग के रूप में प्रदान की गयी वित्तीय सहायता से सभी जमाकर्ताओं की जमाराशियां संरक्षित करने का आश्वासन देता है।

रिज़र्व बैंक ने आगे सूचित किया है कि विलयन/समामेलन के सभी मामलों में अर्जक बैंक के वित्तीय मानदंड विलयन के बाद शहरी सहकारी बैंकों के लिए निर्धारित न्यूनतम विवेकपूर्ण और नियामक आवश्यकता के अनुरूप होने चाहिए। आस्तियों के वसूलीयोग्य मूल्य का मूल्यांकन यथोचित तत्पर प्रक्रिया के माध्यम से किया जाना चाहिए।

ऐसे प्रस्तावों पर विचार करते समय रिज़र्व बैंक स्वयं विलयन के वित्तीय पहलुओं, जमाकर्ताओं के हित के साथ-साथ वित्तीय प्रणाली की स्थिरता देखेगा।

विलयन कौन कर सकता है?

एक सहकारी बैंक उसी राज्य में स्थित दूसरे सहकारी बैंक के साथ या ऐसे सहकारी बैंक के साथ, जो बहु राज्य सहकारी समिति अधिनियम के अंतर्गत पंजीवफ्त किया गया है, के साथ विलयन कर सकता है।

विलयन के लिए क्रियाविधि

संबंधित बैंकों द्वारा प्रस्तावित योजना देते हुए, विलयन का आवेदनपत्र सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार/सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार को प्रस्तुत करना होगा। अर्जक बैंक भी रिज़र्व बैंक को प्रारूप योजना, मूल्यांकन रिपोर्ट और विलयन की योजना पर विचार करने के लिए संबंधित अन्य जानकारी के साथ योजना की प्रति प्रेषित करेगा। रिज़र्व बैंक, वित्तीय पहलुओं और मानदंड/घटकों के आधार पर जमाकर्ताओं के हितों के संदर्भ में योजना की जांच करेगा और राज्य के सहकारी समितियों के संबंधित रजिस्ट्रार को अपने निर्णय के बारे में सूचित करेगा; यदि अर्जक, बहुराज्य सहकारी बैंक हो तो सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार को और अर्जित बैंक जहां स्थित है उस राज्य के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को सूचित करेगा।

रजिस्ट्रार ऐसे प्राधिकारी हैं, जिन्हें अधिनियमों के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गयी है, वे रिज़र्व बैंक को अपना अनुमोदन भेजने से पहले यह सुनिश्चित करेंगे कि अध्यादेश में निर्धारित उचित प्रक्रिया या अनुपालन किया जा रहा है। वे रिज़र्वबैंक से मंजूरी प्राप्त करने के बाद विलयन अधिसूचित करने के लिए सांविधिक क्रियाविधियों का अनुपालन भी सुनिश्चित करेंगे।

पी. वी. सदानंदन

प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2004-2005/810

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