भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग पर सर्वेक्षण का 15वां दौर शुरू किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग पर सर्वेक्षण का 15वां दौर शुरू किया
भारतीय रिज़र्व बैंक 1965 से भारतीय उद्योग में विदेशी सहयोग पर सर्वेक्षण कर रहा है। 2023-24 और 2024-25 के संदर्भ अवधि के रूप में सर्वेक्षण का 15वां दौर अब शुरू किया गया है। सर्वेक्षण विदेशी तकनीकी सहयोग वाली भारतीय कंपनियों के संचालन पर जानकारी एकत्र करता है। यह प्रदर्शन के संकेतकों की एक विस्तृत श्रृंखला (उत्पादन, निर्यात, आयात, सामग्री की लागत, आदि) के साथ-साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौतों की महत्वपूर्ण विशेषताओं (प्रकृति, अवधि, भुगतान की विधि, निर्यात प्रतिबंध, विशेष अधिकार प्रावधान, समझौतों की समाप्ति के बाद प्रौद्योगिकी का उपयोग, आदि) पर जानकारी प्राप्त करता है। इसलिए यह सर्वेक्षण शोधकर्ताओं के साथ-साथ उद्योगों के लिए भी फायदेमंद है क्योंकि इससे उन्हें प्रतिस्पर्धा के संभावित क्षेत्रों का अंदाजा होता है। इस सर्वेक्षण की अनुसूची को विदेशी कंपनियों के साथ तकनीकी सहयोग रखने वाली भारतीय कंपनियों द्वारा भरा जाना आवश्यक है। सर्वेक्षण अनुसूची का सॉफ्ट फॉर्म (हिंदी और अंग्रेजी दोनों में - जिनमें से एक का उपयोग किया जा सकता है) आरबीआई की वेबसाइट पर शीर्ष 'विनियामक रिपोर्टिंग' -→ 'रिटर्न की सूची' -→ 'एफसीएस - सर्वेक्षण अनुसूची' के तहत [या शीर्ष 'Forms’ के अंतर्गत (होम पेज के नीचे ‘उप-शीर्ष 'Survey' के अंतर्गत उपलब्ध है, जिसे विधिवत भरकर 15 जुलाई, 2025 तक ई-मेल पर जमा किया जा सकता है। आरबीआई की वेबसाइट पर शीर्ष ‘अनुसंधान और आंकड़े’ के तहत अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में निर्देश दिए गए हैं और किसी भी प्रश्न या स्पष्टीकरण के मामले में, कृपया हमसे यहां संपर्क करें। निदेशक, अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/451 |