भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा जमाराशियों परदिये जाने वाले ब्याज दरों की उच्चतम सीमा कम की - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा जमाराशियों परदिये जाने वाले ब्याज दरों की उच्चतम सीमा कम की
भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा जमाराशियों पर
दिये जाने वाले ब्याज दरों की उच्चतम सीमा कम की
3 मार्च 2003
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा जनता की जमाराशियों पर दिये जाने वाले अधिकतम ब्याज दर में संशोधन की घोषणा की।
बाजार की स्थितियां अैर समग्र वित्तीय प्रणाली में अन्य ब्याज दरों में होनेवाले परिवर्तनों को देखते हुए गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा जनता की जमाराशियों पर दिये जाने वाले अधिकतम ब्याज दर में संशोधन कर के उसे 11 प्रतिशत प्रतिवर्ष किया गया है। यह संशोंधन 4 मार्च 2002 से प्रभावी होगा।
रिज़र्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा सार्वजनिक जमाराशियों पर दी जानेवाली यह अधिकतम अनुमत दर है और इससे निम्नतर दर देने के लिए वे स्वतंत्र हैं, जैसा कि अधिकांश गैर बैंंकिंग वित्तीय कंपनियां करती हैं।
ब्याज दर पर 11 प्रतिशत की नयी उच्चतम सीमा रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित निदेशों के अंतर्गत, विविध गैर-बैंकिंग कंपनियों (चिट फंड कंपनियाँ) द्वारा स्वीकृत जमाराशियों पर भी विस्तारित की गयी है।
नयी दरें केवल नयी जमाराशियों पर ही लागू होंगी और मौजूदा जमाराशियों का नवीकरण 4 मार्च 2003 को और उस तारीख से होगा। निदेशों की अन्य शर्तें अपरिवर्तित हैं।
अल्पना किल्लावाला
महाप्रबंधक
प्रेस प्रकाशनी : 2002-03/914