01 जुलाई 2015 भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एचसीबीएल को-आपरेटिव बैंक लि., लखनऊ पर लगाए गए निदेश में परिवर्तन भारतीय रिज़र्व बैंक ने 10 अप्रैल 2015 के अपने निदेश सबैंविवि.केंका.बीएसडी.IV/डी-39/12.28.073/2014-15 में आंशिक परिवर्तन करते हुए यह अधिसूचित किया है कि उसने एचसीबीएल को-आपरेटिव बैंक लि., लखनऊ पर लगाए गए निदेशों में 29 जून 2015 को छूट दी है। उक्त कथित निदेश के अनुसार अन्य शर्तों के साथ-साथ प्रत्येक बचत खाता अथवा चालू खाता अथवा कोई अन्य जमा खाता, चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाता हो, से किसी जमाकर्ता को कुल शेष के रु. 1,00,000/- से अधिक राशि का आहरण करने की अनुमति नहीं थी। भारतीय रिज़र्व बैंक ने उक्त बैंक की स्थिति की समीक्षा करने के पश्चात जनहित में यह आवश्यक समझा है कि उपर्युक्त निदेश को परिवर्तित किया जाए। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप-धाराओं (1) एवं (2) के साथ सहपठित धारा 56 के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए निम्नलिखित निदेश देता है –
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एचसीबीएल को-आपरेटिव बैंक लि., लखनऊ को 10 अप्रैल 2015 को जारी निदेश के पैराग्राफ 1 की मद (i) को इस प्रकार परिवर्तित किया गया है: (i) प्रत्येक बचत खाता अथवा चालू खाता अथवा मीयादी जमा खाता अथवा कोई अन्य जमा खाता (चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाता हो) से किसी जमाकर्ता को कुल शेष से अनधिक राशि आहरित करने की अनुमति दी जा सकती बशर्ते संबंधित जमाकर्ता की किसी भी प्रकार से यथा, उधारकर्ता अथवा जमानतदार के रूप में बैंक के प्रति देनदारी, जिसमें बैंक जमाराशि पर ऋण भी शामिल हैं, को उसके द्वारा आहरण से पहले संबंधित उधार खाता/खातों में समायोजित किया जाए; तथा
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एचसीबीएल को-आपरेटिव बैंक लि., लखनऊ को 10 अप्रैल 2015 को जारी निदेश के पैराग्राफ 1 की मद (ii) को हटा दिया गया है।
तदनुसार, उक्त बैंक के जमाकर्ताओं को उपर्युक्त शर्तों के अधीन बिना किसी उच्चतम सीमा के अपनी जमाराशियां आहरित करने की अनुमति होगी। एचसीबीएल को-आपरेटिव बैंक लि., लखनऊ को जारी 10 अप्रैल 2015 के निदेश सबैंविवि.केंका.बीएसडी.IV/डी-39/12.28.073/2014-15 के अंतर्गत निहित अन्य सभी प्रतिबंध, शर्तें तथा उपबंध अपरिविर्तित रहेंगे तथा वे समीक्षा के अधीन 15 अक्तूबर 2015 को कारोबार की समाप्ति तक वैध रहेंगे। संगीता दास निदेशक प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/14 |