भारतीय रिज़र्व बैंक - समसामयिक पत्र – खंड 45, संख्या 1, 2024 - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक - समसामयिक पत्र – खंड 45, संख्या 1, 2024
आज, भारतीय रिज़र्व बैंक अपने समसामयिक पत्रों का खंड 45, संख्या 1, 2024 जारी किया, जो उसके स्टाफ-सदस्यों के योगदान द्वारा तैयार की गई एक शोध पत्रिका है। इस अंक में तीन आलेख और तीन पुस्तक समीक्षाएं हैं। आलेख: 1. भारत में परिवार बचत पोर्टफोलियो के निर्धारक: सर्वेक्षण डेटा से साक्ष्य 2. बाहरी वित्त तक पहुंच और कंपनी के नवाचार से दक्षता लाभ: स्टोचैस्टिक फ्रंटियर और लेवबेल का दृष्टिकोण 3. भारत में कॉर्पोरेट क्षेत्र के स्वास्थ्य का आकलन: एक मशीन लर्निंग दृष्टिकोण पुस्तक समीक्षाएँ: 1.संदीप कौर ने एडमंड फेल्प्स द्वारा लिखित पुस्तक “माई जर्नीज़ इन इकोनॉमिक थ्योरी” की समीक्षा की है। यह पुस्तक एक आकर्षक संस्मरण प्रस्तुत करती है, जो न केवल लेखक के बौद्धिक विकास पर प्रकाश डालती है, बल्कि समकालीन आर्थिक चिंतन को आकार देने वाली व्यापक बहसों पर भी प्रकाश डालती है। फेल्प्स की आकर्षक कथा तकनीकी विवरणों से आगे बढ़ती है, तथा बेरोजगारी सिद्धांत, गतिशीलता और स्वदेशी नवाचार आदि के उनके नवीन विचारों के इर्द-गिर्द हुए ज्ञानपूर्ण आदान-प्रदान और जीवंत बहसों की अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। 2.शुभम पटले ने अर्नेस्ट स्काइडर द्वारा लिखित पुस्तक “द वॉर बिलो” की समीक्षा की है। यह पुस्तक लिथियम और तांबे जैसी महत्वपूर्ण धातुओं के निष्कर्षण से जुड़े जटिल और परस्पर विरोधी हितों पर प्रकाश डालती है, जिन्हें विद्युतीकरण की ओर वैश्विक बदलाव के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। विभिन्न खनन स्थलों की पृष्ठभूमि में, पुस्तक में इन खनन प्रक्रियाओं से जुड़ी पर्यावरणीय, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है। वास्तविक दुनिया के उदाहरणों के माध्यम से, यह पुस्तक पारिस्थितिक संरक्षण और टिकाऊ ऊर्जा संसाधनों की तत्काल आवश्यकता के बीच कठिन संतुलन को दर्शाती है। 3. आकाश राज ने एम. गोविंदा राव की पुस्तक "स्टडीज इन इंडियन पब्लिक फाइनेंस" की समीक्षा की है, जिसमें भारत के समष्टि आर्थिक प्रबंधन में सार्वजनिक वित्त के विकास का अन्वेषण किया गया है। यह पुस्तक सैद्धांतिक दृष्टिकोणों को अनुभवजन्य आंकड़ों के साथ जोड़ती है, तथा भारत में सार्वजनिक वित्त के विकास और वर्तमान स्थिति के साथ-साथ संभावित सुधारों के लिए भविष्य की दिशा का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत करती है।
(पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2024-2025/1822 |