भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक लोकपालों का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक लोकपालों का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 15 मार्च 2024 को मुंबई में भारतीय रिज़र्व बैंक लोकपालों का वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन का विषय "उपभोक्ताओं की सुरक्षा - मजबूत प्रणालियों और प्रक्रियाओं का निर्माण" था। सम्मेलन में प्रमुख बैंकों, एनबीएफसी, गैर-बैंक भुगतान प्रणाली प्रतिभागियों, एनपीसीआई से विनियमित संस्थाओं के अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक और सीईओ, रिज़र्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ आरबीआई लोकपालों और उप आरबीआई लोकपालों ने भाग लिया। श्री शक्तिकान्त दास, गवर्नर ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। श्री दीपक मिश्रा, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने मुख्य भाषण दिया। अपने संबोधन (हाइलाइट) में, उन्होंने रिज़र्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 की अनूठी विशेषताओं पर प्रकाश डाला, जिसमें 'सेवा में कमी' के पहलू को व्यापक बनाना, केंद्रीकरण की अवधारणा को शामिल करना और प्रक्रियात्मक न्याय पर जोर देना शामिल था। उन्होंने योजना और इसके लाभों अर्थात, कहीं से भी शिकायत दर्ज करना, ऑनलाइन शिकायत के पंजीकरण पर स्वचालित पावती, शिकायत की स्थिति के वास्तविक समय पर नज़र रखने की सुविधा और लोकपाल के निर्णय की सूचना देने वाला समाप्ति संचार के बारे में ग्राहकों की जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। विभिन्न अदालती आदेशों का हवाला देते हुए, श्री मिश्रा ने कहा कि लोकपाल के कामकाज की प्रकृति अर्ध-न्यायिक है और इस प्रकार, प्राकृतिक न्याय, लोकपाल द्वारा ग्राहकों की शिकायतों के निर्णय का प्रमुख तत्व है। प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को किसी भी न्यायिक प्रक्रिया के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करने के लिए लोकपाल के दायित्व पर प्रकाश डाला। माननीय न्यायालयों के कुछ आदेशों और अपने करियर के अनुभवों की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ग्राहकों की शिकायतों को संभालते समय न्यायसंगत, स्वतंत्रता, निष्पक्षता, मानवता और पूर्वाग्रह की अनुपस्थिति आदि जैसे गुण एक लोकपाल के लिए अनिवार्य हैं। रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर श्री एम राजेश्वर राव और श्री स्वामीनाथन जे. ने अपने संबोधन में उपभोक्ता संरक्षण और शिकायतों के निवारण के क्षेत्र में रिज़र्व बैंक की पहल पर प्रकाश डाला। उन्होंने विनियमित संस्थाओं में उत्पादों की डिजाइनिंग और शिकायत निवारण तंत्र में ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण के महत्व को दोहराया। सम्मेलन में वैकल्पिक शिकायत निवारण और धोखाधड़ी की रोकथाम और पता लगाने में आघात-सह प्रणाली विकसित करने पर वैश्विक परिप्रेक्ष्य पर सत्र शामिल थे। सम्मेलन का समापन लोकपालों के बीच एक संवादात्मक सत्र के साथ हुआ।
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी : 2023-2024/2069 |