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भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक पर दण्ड लगाया

10 जून 2013

भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक पर दण्ड लगाया

रिज़र्व बैंक ने एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक पर भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुदेशों का उल्लंघन करने पर मौद्रिक दण्ड लगाया है। दण्ड का ब्यौरा निम्नानुसार हैः

बैंक

दण्ड की राशि ( लाख में)

एक्सिस बैंक लि.

500.10

एचडीएफसी बैंक लि.

450.00

आईसीआईसीआई बैंक लि.

100.10

ये दण्ड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47(ए)(1)(सी) के अंतर्गत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों अधिकारों का प्रयोग करते हुए लगाए गए हैं।

यह स्मरण होगा कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने इन बैंकों के विरुद्ध अपने ग्राहक को जानें/धन आशोधन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के आरोपों की छानबीन करने के लिए मार्च/अप्रैल 2013 के दौरान इन तीनों बैंकों के कॉरपोरेट कार्यालयों और कुछ शाखाओं में लेखा बहियों, आंतरिक नियंत्रण, अनुपालन प्रणालियों और प्रक्रियाओं की छानबीन की थी। इन तीनों बैंकों की छानबीन में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी कतिपय विनियमों और अनुदेशों के उल्लंघन का पता चला है जैसेकि,

  • सहकारी बैंकों द्वारा आहरित किए गए चेकों के “सममूल्‍य” भुगतान की व्यवस्था के संबंध में कतिपय सुरक्षा उपायों का पालन नहीं किया गया,

  • जोखिम श्रेणीकरण और खाताधारकों की जोखिम प्रोफाइल की आवधिक समीक्षा जैसे अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी) और धन आशोधन (एएमएल) दिशानिर्देशों के कुछ पहलुओं का अनुपालन नहीं किया गया,

  • तृतीय पक्ष उत्‍पादों की बिक्री, कुछ नकद लेनदेन के संबंध में नकद लेनदेन रिपोर्ट (सीटीआर) दर्ज करने में चूक, 50,000 रुपए से अधिक की नकदी के लिए सोने के सिक्‍कों की बिक्री सहित अचानक आनेवाले ग्राहकों के लिए ग्राहक को जाने दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं करना,

  • यथा अपेक्षित स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड ब्यौरा अथवा फार्म 60/61 प्राप्त नहीं करना,

  • कुछ अनिवासी सामान्य (एनआरओ) खातों में जमा की गई निधियों के स्रोत का सत्यापन नहीं करना,

  • यद्यपि अपेक्षित होने पर भी कुछ खातों को अनिवासी सामान्‍य खातों के रूप में पुनःनामित नहीं किए जाने, रिज़र्व बैंक द्वारा मांगी गई उचित सूचना प्रस्तुत नहीं किए जाने आदि

इस छानबीन से धन आशोधन का कोई प्रथम दृष्टया प्रमाण नहीं मिला है। तथापि, इस संबंध में कोई निष्कर्ष मूलक संदर्भ प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा लेनदेन की अंतिम छानबीन के माध्‍यम से निकाला जा सकता है।

छानबीन के निष्कर्षों के आधार पर रिज़र्व बैंक ने इन बैंकों को अलग-अलग कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसके जवाब में इन तीनों बैंकों ने अलग-अलग लिखित उत्तर प्रस्तुत किया। प्रत्येक मामले के तथ्यों और तीनों बैंकों के उत्तर, व्‍यक्तिगत प्रस्‍तुतीकरण, प्रस्तुत की गई जानकारी और उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि इनमें से कुछ उल्लंघन साबित हो गए हैं और ऊपर निर्दिष्ट मौद्रिक दण्ड लगाना आवश्यक हो गया है।

अप्रैल और मई 2013 के दौरान ऐसी ही एक छानबीन 36 अन्य बैंकों के कॉरपोरेट कार्यालयों में भी की गई थी। इन बैंकों के संबंध में अनुवर्ती कार्रवाई की प्रक्रिया पूर्णता के विभिन्न स्तरों पर जारी है।

अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/2071

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