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भारतीय रिज़र्व बैंक ने आम जनता के अभिमत के लिए इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण हेतु एक ढाँचा प्रस्तावित करने पर रिपोर्ट को अपनी वेबसाईट पर डाला

24 अप्रैल 2008

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आम जनता के अभिमत के लिए इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण
हेतु एक ढाँचा प्रस्तावित करने पर रिपोर्ट को अपनी वेबसाईट पर डाला

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाईट पर आम जनता के अभिमत के लिए इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण हेतु एक ढाँचा प्रस्तावित करने पर समिति की रिपोर्ट को अपनी वेबसाईट पर डाला। आप अपने अभिमत 16 मई 2008 को या उसके पहले मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग, केंद्रीय कार्यालय, फोर्ट, मुंबई-400001 को या तो डाक से भेज सकते हैं अथवा 022-22659566 पर फैक्स कर सकते हैं अथवा ई-मेल कर सकते हैं।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में इलेक्ट्रानिक लाभ अंतरण की कार्यान्वयन संभावनाओं पर सिफारिशें की है। सिफारिश में अंतर्निहित विषय यह सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत पद्धति तैयार करना है कि सरकारी भुगतान कारोबारी संवाददाताओं (बीसी) तथा बायोमैट्रिक आधारित स्मार्ट कार्ड प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए वित्तीय समावेशन की योजना के अंगीकरण में बैंकिंग माध्यमों के उपयोग से आखिरी हिताधिकारी तक पहुँचाए जाएं। इस समिति ने कार्यान्वयन में प्रगति में निगरानी के लिए एक ढाँचे का सुझाव भी दिया है।

हाल ही में कई राज्य सरकारों ने समाज कल्याण कार्यक्रमों को लागू किया है जिनमें हिताधिकारियों को भुगतान भी शामिल है। ये भुगतान या तो सरकारी कार्यालयों के माध्यम से अथवा बैंकों के माध्यम से अथवा मनी ऑर्डर जैसे अन्य साधनों से किए जाते हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी कारोबारी संवाददाताओं (बीसी) को शामिल करने के लिए बैंकों को अनुमति देने के रूप में अपनी वित्तीय समावेशन प्रयासों के माध्यम से अब तक उपेक्षित क्षेत्रों को बैंकिंग सुविधाओं की पहुँच को बढ़ाने हेतु कतिपय उपाय शुरू किए हैं। इसके साथ-साथ बैंकिंग प्रणाली का उपयोग करते हुए आखिरी हिताधिकारी तक समाज के कमज़ोर और जरूरतमंद हिस्सों को दोनों केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा प्रदान किए गए वित्तीय लाभों को क्रमबद्ध करने की आवश्यकता की भी पहचान की गई। इस पृष्टभूमि में संबंधित मामलों का विश्लेषण करने तथा इलेक्ट्रॉनिक लाभ अंतरण (इबीटी) प्रणाली हेतु एक समुचित कार्यशील ढाँचे का सुझाव देने हेतु एक समिति की नियुक्ति की गई जिसके बारे में यह विचार किया गया कि इसे सभी राज्य सरकारें अंगिकार करेगी।

अल्पना किल्लावाला
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2007-2008/1376

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