भारतीय रिज़र्व बैंक ने “भारत में भुगतान और निपटान प्रणालीः विज़न – 2018” प्रकाशित किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने “भारत में भुगतान और निपटान प्रणालीः विज़न – 2018” प्रकाशित किया
23 जून 2016 भारतीय रिज़र्व बैंक ने “भारत में भुगतान और निपटान प्रणालीः विज़न – 2018” प्रकाशित किया भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर “भारत में भुगतान और निपटान प्रणालीः विज़न–2018” उपलब्ध कराया है। विज़न-2018 का लक्ष्य ‘कम-नकदी’ भारत के लिए सर्वोत्तम भुगतान और निपटान प्रणालियों का निर्माण करना है। विज़न-2018 की व्यापक रूपरेखा इन पांच बिंदुओं - कवरेज, सुविधा, विश्वास, अभिसरण और लागत के ईर्द-गिर्द घुमती है। इन्हें प्राप्त करने के लिए विज़न-2018 चार कार्यनीतिक पहलों पर ध्यानकेंद्रित करेगा जिनमें उत्तरदायी विनियमन, मजबूत बुनियादी सुविधाएं, प्रभावी पर्यवेक्षण और ग्राहक केंद्रीयता शामिल हैं। परामर्शी दृष्टिकोण पर आधारित विनियामकीय ढांचे का लक्ष्य अंतिम उपयोगकर्ताओं की सुविधा के साथ भुगतान प्रणालियों की संवर्धित कवरेज हासिल करना है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में मजबूत भुगतान बुनियादी सुविधा सुनिश्चित करना है जो पहुंच, उपलब्धता, पारस्परिकता और सुरक्षा बढ़ाएगी। निगरानी और पर्यवेक्षी ढांचा देश में छोटे मूल्य और खुदरा भुगतान प्रणालियों के लचीलेपन को सुदृढ़ बनाने पर ध्यानकेंद्रित करेगा। परिकल्पित ग्राहक केंद्रित पहलों में ग्राहक शिकायत समाधान व्यवस्था को सरल बनाना और ग्राहक जागरूकता तथा शिक्षण का निर्माण करना शामिल है। प्रौद्योगिकी आधारित नवोन्मेष भुगतान उत्पादों के बढ़ते उपयोग के साथ विज़न-2018 के अंतर्गत कार्यनीतिक पहलों से पेपर आधारित लिखतों के काफी कम होने और मोबाइल बैंकिंग तथा इलेक्ट्रॉनिक भुगतानों की अन्य पद्धतियों में त्वरित वृद्धि होने की संभावना है। पृष्ठभूमि भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत में भुगतान और निपटान प्रणालियों के लिए अपना विज़न आवधिक आधार पर प्रस्तुत किया है जो इलेक्ट्रॉनिक भुगतानों में अंतरण के लिए बैंक के उद्देश्य के बारे में बताता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि भारत में भुगतान प्रणालियां सुरक्षित, प्राधिकृत, सक्षम और सुलभ हैं। पिछले विज़न दस्तावेज में वर्ष 2012 से 2015 की अवधि कवर की गई थी। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी : 2015-2016/2991 |