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भारतीय रिज़र्व बैंक ने एनईएफटी के लिए ग्राहक प्रभारों को युक्तिसंगत बनाया

13 जुलाई 2012

भारतीय रिज़र्व बैंक ने एनईएफटी के लिए ग्राहक प्रभारों को युक्तिसंगत बनाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज शेयरधारकों के परामर्श से राष्‍ट्रीय इलेक्‍ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) के माध्‍यम से निधियों के अंतरण के लिए बैंकों द्वारा ग्राहकों पर लगाए जानेवाले प्रभारों को युक्तिसंगत बनाया। बैंक अब 10,000 तक के निधि अंतरण के लिए 2.50 से अधिक प्रभार (सेवा कर को छोड़कर) नहीं लगा सकते हैं। इस सीमा से अधिक के अंतरणों के लिए प्रभारों में कोई परिवर्तन नहीं है अर्थात् 10,001 से एक लाख रुपए तक के अंतरणों के लिए 5; एक लाख से अधिक और 2 लाख तक के अंतरणों के लिए 15; और 2 लाख से अधिक के अंतरणों के लिए 25 होगा।

उक्‍त प्रभार 1 अगस्‍त 2012 से लागू होंगे। इससे पूर्व नवंबर 2010 में ग्राहक प्रभारों को संशोधित किया गया था।

इस संशोधन को समझाते हुए रिज़र्व बैंक ने कहा है कि हाल के वर्षों में एनईएफटी लेनदेन अत्‍यधिक बढ़ गए है। यह वांछित है कि लेनदेन की मात्रा बढ़ने से हो रहा लाभ ग्राहकों को निम्‍नतर प्रभारों के रूप में दिया जाए। इससे ग्राहक इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली के प्रयोग को बढ़ाने के लिए भी प्रेरित होंगे। साथ ही, यह आवश्‍यक है कि वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल अत्‍यधिक लोगों तक एनईएफटी जैसी एक सक्षम और योग्‍य विप्रेषण व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध कराई जाए।

जे. डी. देसाई
सहायक प्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2012-2013/70

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