भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकपाल योजनाओं की वार्षिक रिपोर्ट, 2019-20 जारी की - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकपाल योजनाओं की वार्षिक रिपोर्ट, 2019-20 जारी की
8 फरवरी 2021 भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोकपाल योजनाओं की वार्षिक रिपोर्ट, 2019-20 जारी की भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने आज "वर्ष 2019-20 के लिए रिज़र्व बैंक की लोकपाल योजनाओं" की वार्षिक रिपोर्ट जारी की। बैंकिंग लोकपाल योजना (बीओएस) को पहली बार रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत 1995 में अधिसूचित किया गया था। इसे रिज़र्व बैंक द्वारा 22 बैंकिंग लोकपाल (ओबीओ) कार्यालयों के माध्यम से प्रशासित किया जाता है, जिसमें सभी राज्य और संघ शासित प्रदेश शामिल हैं। वार्षिक रिपोर्ट में बैंकिंग लोकपाल योजना (बीओएस), गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लोकपाल योजना (ओएसएनबीएफसी) और डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल योजना (ओएसडीटी) के तहत गतिविधियों; उपभोक्ता संरक्षण के क्षेत्र में गतिविधियां एवं आगे की राह को शामिल किया गया है। रिज़र्व बैंक की शिकायत निवारण व्यवस्था ने अत्याधुनिक शिकायत प्रबंध प्रणाली (सीएमएस) की क्षमताओं का उपयोग करते हुए हुए, चौबीसों घंटे उपलब्धता के साथ कार्य किया। सीएमएस प्लेटफ़ॉर्म, जिसे जून 2019 में आरंभ किया गया था, ने सभी हितधारकों अर्थात् रिज़र्व बैंक, विनियमित संस्थाएं (आरई) और उनके ग्राहकों को एक वेब-आधारित प्लेटफ़ॉर्म पर लाया; और रिज़र्व बैंक द्वारा ग्राहकों की शिकायतों को निपटाने की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बना दिया। वार्षिक रिपोर्ट के कुछ मुख्य अंश इस प्रकार हैं: क. बीओएस, ओएसएनबीएफसी और ओएसडीटी के तहत गतिविधियां- 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2020
ख. 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2020 के दौरान महत्वपूर्ण गतिविधियां
ग. आगे की राह जैसा कि 5 फरवरी 2021 को मौद्रिक नीति वक्तव्य में घोषित किया गया था, तीन लोकपाल योजनाओं को विलय और एकल योजना में एकीकृत किया जा रहा है, जिसे जून 2021 से आरंभ किया जाएगा। सीएमएस की क्षमताओं को बढ़ाया जाएगा ताकि और अधिक कुशलता से शिकायत निवारण किया जा सके। बैंकिंग क्षेत्र में बढ़े हुए डिजिटलीकरण से उत्पन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए उपभोक्ता शिक्षण हेतु एक रूपरेखा तैयार की जाएगी। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2020-2021/1068 |