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भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना की वार्षिक रिपोर्ट जारी किया

24 फरवरी 2012

भारतीय रिज़र्व बैंक ने  बैंकिंग लोकपाल योजना की वार्षिक रिपोर्ट जारी किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज वर्ष 2010-11 के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना की वार्षिक रिपोर्ट जारी की। रिज़र्व बैंक ने बैंक ग्राहकों की शिकायतों के त्‍वरित निवारण के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना वर्ष 1995 में स्‍थापित की थी। संपूर्ण देश में बैकिंग लोकपाल के 15 कार्यालय हैं। यह रिपोर्ट बैकिंग लोकपाल के सभी कार्यालयों की गतिवि​धियों का सार-संक्षेप है।कि

इस रिपोर्ट में उल्लेख है कि वर्ष 2010-11 के दौरान बैकिंग लोकपाल कार्यालयों द्वारा प्राप्त शिकायतों संख्या में 10 प्रतिशत की कमी हुई है। लोग अभी भी इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप की अपेक्षा भौतिक स्वरूप में शिकायतों को पसंद करते हैं जो इस बात से स्पष्ट है कि 73 प्रति​शत शिकायतें पत्रों/पोस्ट कार्डों/फैक्स् से प्राप्त हुई हैं जबकि इ-मेल से तथा ऑन-लाइन प्राप्त शिकायतों की संख्या क्रमशः 14 और 13 प्रति​शत है। बैंकिंग लोकपाल कार्यालयों ने वर्ष के दौरान प्राप्त शिकायतों के 94 प्रतिशत का समाधान किया है। इस रिपोर्ट में रिज़र्व बैंक के वि​भिन्न ग्राहक सेवा प्रयासों तथा वर्ष के दौरान बैकिंग लोकपाल के कार्यालयों द्वारा निपटाए गए कुछ आदर्श कार्यों को भी अभिलि​खित किया गया है।

इस योजना के बारे में ग्राहकों की जागरूकता बढ़ने की बात कही गई है जिसके कारण बैंकिंग लोकपाल कार्यालयों में प्राप्‍त शिकायतों की संख्‍या में व्‍यापक वृद्धि हुई है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की संख्‍या में भी वृद्धि हुई। इसके अलावा वर्ष 2009-10 के दौरान ऑन-लाइन तथा एटीएम/क्रेडिट कार्ड संबंधी शिकायतों की संख्‍या में वृद्धि से यह पता चलता है कि ग्राहक बैंकिंग सेवाएं प्राप्‍त करने तथा शिकायत निवारण के लिए प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक प्रयोग कर रहे हैं। बैंकिंग लोकपाल कार्यालयों ने कुल प्राप्‍त शिकायतों (पिछले वर्ष 87 प्रतिशत की तुलना में) 94 प्रतिशत शिकायतों को संबोधित किया। साथ ही, बैंकिंग लोकपाल से प्राप्‍त प्रतिसूचना के आधार पर वर्ष के दौरान रिज़र्व बैंक ने ग्राहक संबंधी कई प्रभावी उपाय किए।

रिपोर्ट की मुख्‍य-मुख्‍य बातें

  • पिछले वर्ष में प्राप्त 79,266 शिकायतों की तुलना में वर्ष 2010-11 के दौरान बैंकिंग लोकपालों को 71,274 शिकायतें प्राप्‍त हुईं।

  • वर्ष के दौरान प्राप्त शिकायतों में 10 प्रतिशत की कमी आई।

  • बैकिंग लोकपालों ने प्राप्त कुल शिकायतों के 94 प्रतिशत का निपटान किया।

  • कुल शिकायतों में से एटीएम कार्डों, डबिट और क्रेडिट कार्ड संबंधी शिकायतें (24 प्रतिशत) कुल शिकायतों का एकल बड़ा क्षेत्र बनी रहीं।

  • कार्य के निर्धरित घंटे, स्वीकार करने से इनकार अथवा स्वीकार करने में देरी, करों के प्रति भुगतान, जारी करने में जारी करने से इनकार अथवा सेवा नहीं देना अथवा सरकारी प्रतिभूतियों शोधन में देरी अथवा सेवा नहीं देना, लेखे को बंद करने से इनकार अथवा बंद करने में देरी शिकायतों के अन्य क्षेत्र थे।

  • वर्ष के दौरान अपीलीय प्राधि​कारी ने 167 अपीलों पर कार्रवाई की। वर्ष 2010-11 के अंत तक कोई अपील लंबित नहीं थी।

  • आम जनता के बीच इस योजना की व्यापक पहुँच को सुनि​श्चित करने के लिए बैं‍किंग लोकपालों द्वारा सारे वर्ष के दौरान गहन जागरूकता अभियान चलाए गए।

  • बैकिंग लोकपालों द्वारा शिकायतों पर की गई कार्रवाई से उत्पन्न प्रतिसूचना के परिणामस्वरूप वर्ष के दौरान रिज़र्व बैंक द्वारा ग्राहक-केंद्रित कई नीति निर्णय लिए गए।

  • बैंकों में ग्राहक सेवा पर समिति (दामोदरन समि​ति) ने अपनी रिपोर्ट में बैकिंग लोकपाल योजना से संबंधित कई अनुशंसाएं कीं। आंतरिक लोकपाल की नियुक्ति से संबंधित अनुशंसा इस योजना से संबंधित अत्यधि​क महत्वपूर्ण अनुशंसा थी।

पृष्‍ठभूमि

  • रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना (बीओएस) 14 जून 1995 में लागू की थी ताकि वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंकों द्वारा उपलब्‍ध कराई गई बैंकिंग सेवाओं में विसंगतियों से संबंधित अपनी शिकायतों को सुलझाने के लिए बैंक ग्राहकों के लिए एक त्‍वरित और सस्‍ता मंच उपलब्‍ध कराया जा सके। बैंकिंग लोकपाल योजना लागू करने के दौरान प्राप्‍त प्रतिसूचना के प्रयोग से भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2002, 2006, 2007 और 2009 में योजना में संशोधन किया। अन्‍य बातों के साथ-साथ इस योजना में क्रेडिट कार्ड शिकायतें, इंटरनेट बैंकिंग, बैंक और उनके बिक्री एजेंटो (डीएसए) दोनों के द्वारा वादा की गई सेवाएं उपलब्‍ध कराने में विसंगतियॉं, ग्राहकों को पूर्वसूचना दिए बगैर सेवा प्रभार लगाना, अलग-अलग बैंकों द्वारा अपनाई गई उचित प्रणाली कूट का अनुपालन न करना आदि जैसे नए क्षेत्रों पर ग्राहक शिकायतें शामिल हैं। जब 1995 में बैंकिंग लोकपाल योजना शुरू हुई थी तब कुल 11 आधारों पर बैंक सेवाओं की शिकायतें/विसंगतियॉं दर्ज की जा सकती थीं जो अब 27 आधारों पर की जा सकती है। भारतीय रिज़र्व बैंक नि:शुल्‍क बैंकिंग लोकपाल योजना चलाती है ताकि सभी को सेवाएं प्राप्‍त हो सकें। इस योजना की प्रभावकारि​ता और उपयोगिता को बढ़ाने के लिए आज बैंकिंग लोकपाल योजना के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक पूर्ण रूप से स्‍टाफ तथा निधि उपलब्‍ध कराती है।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1361

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