RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

106245794

भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, दिसंबर 2018 जारी की

31 दिसंबर 2018

भारतीय रिज़र्व बैंक ने वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट, दिसंबर 2018 जारी की

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) का अठारहवां प्रकाशन जारी किया। एफएसआर वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम,साथ ही वित्तीय प्रणाली के लचीलेपन पर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के समग्र आकलन को दर्शाता है। यह रिपोर्ट वित्तीय क्षेत्र के विकास और विनियमन से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा करती है।

प्रणालीगत जोखिमों का समग्र आकलन

भारत की वित्तीय प्रणाली स्थिर बनी हुई है, और बैंकिंग क्षेत्र में सुधार के संकेत दिखाई देते हैं, भले ही वैश्विक आर्थिक वातावरण और वित्तीय क्षेत्र में उभरती प्रवृत्ति चुनौतियों का सामना कर रही हो।

वैश्विक और घरेलू समष्टि-वित्तीय जोखिम

  • 2018 और 2019 के लिए वैश्विक विकास दृष्टिकोण स्थिर बना हुआ है, हालांकि अंतर्निहित नकारात्मक जोखिम बढ़ गया है।

  • उन्नत अर्थव्यवस्थाओं, संरक्षणवादी व्यापार नीतियों और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव में वित्तीय स्थितियों को कड़ा करके उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के लिए स्पिल-ओवर जोखिम बढ़ गया है।

  • उन्नत अर्थव्यवस्थाओं (एई) में क्रमिक मौद्रिक नीति के सामान्यीकरण के साथ वैश्विक व्यापार व्यवस्था में अनिश्चितता भी उभरते बाजारों (ईएम) के पूंजी प्रवाह को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकती है और ईएम ब्याज दरों और कॉर्पोरेट स्प्रेड पर ऊपर की ओर दबाव बढ़ा सकती है।

  • घरेलू मोर्चे पर, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि ने ति2: 2018-19 में मामूली सुधार दिखाया जबकि मुद्रास्फीति अन्तर्विष्ट है।

  • घरेलू वित्तीय बाजारों में, क्रेडिट इंटरमीडिएट में संरचनात्मक बदलाव और बैंकों और गैर-बैंकों के बीच विकसित अंतर्संबंध अधिक सतर्कता का आह्वान करते हैं।

वित्तीय संस्थाएं: कार्यनिष्पादन और जोखिम

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) की क्रेडिट वृद्धि ने मार्च 2018 और सितंबर 2018 के बीच सुधार दिखाया है,जो बड़े पैमाने पर निजी क्षेत्र के बैंकों (पीवीबी) द्वारा संचालित है।

  • बैंकों की आस्ति गुणवत्ता में एससीबी की सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (जीएनपीए) अनुपात में मार्च 2018 में 11.5 प्रतिशत से सितंबर 2018 में 10.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ सुधार देखा गया।

  • आधारभूत परिदृश्य के तहत, जीएनपीए अनुपात सितंबर 2018 में 10.8 प्रतिशत से घटकर मार्च 2019 में 10.3 प्रतिशत हो सकता है।

  • सितंबर 2017-सितंबर 2018 की अवधि के लिए वित्तीय नेटवर्क संरचना का विश्लेषण एक सिकुड़ते हुए अंतर-बैंक बाजार का और धन जुटाने के लिए आस्ति प्रबंधन कंपनियों-म्युचुअल फंडों (एएमसी-एमएफ) और ऋण देने के लिए एनबीएफसी / हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी)के साथ बढ़ते बैंक लिंकेज की ओर संकेत करता है।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी : 2018-2019/1504

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?