RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Press Releases Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

109303018

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बाजार व्यवस्था के माध्यम से बड़े उधारकर्ताओं के लिए क्रेडिट की आपूर्ति बढ़ाने संबंधी ढांचे पर चर्चा पत्र जारी किया

12 मई 2016

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बाजार व्यवस्था के माध्यम से बड़े उधारकर्ताओं
के लिए क्रेडिट की आपूर्ति बढ़ाने संबंधी ढांचे पर चर्चा पत्र जारी किया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर बाजार व्यवस्था के माध्यम से बड़े उधारकर्ताओं के लिए क्रेडिट की आपूर्ति बढ़ाने संबंधी ढांचे पर चर्चा पत्र (डीपी) जारी किया। बैंकिंग प्रणाली से किसी कॉर्पोरेट संस्था द्वारा कुल बैंक उधार पर अति महत्वपूर्ण उच्चतम सीमा के अभाव का परिणाम भारत में कुछ बड़े कॉर्पोरेटों के लिए सामूहिक रूप से बहुत अधिक एक्सपोजर के रूप मे हुआ है। इस प्रस्तावित ढांचे का प्रस्ताव एक कॉर्पोरेट के लिए बड़े समग्र उधार के कारण बैंकिंग प्रणाली के जोखिम को कम करने की दृष्टि से किया गया है।

प्रस्तावित ढांचा वित्तवर्ष 2017-18 से प्रभावी होगा और यह भारत में सभी बैंकों तथा विदेशों में भारतीय बैंकों की शाखाओं पर लागू होगा। प्रस्तावित ढांचे के अंतर्गत, बैंकिंग प्रणाली में सामान्य अनुमत उधार सीमा (एनपीएलएल) से परे एक समग्र मंजूर निधि आधारित क्रेडिट सीमा (एएससीएल) रखने वाले ‘विशेषीकृत उधारकर्ताओं’ के उधार से अतिरिक्त जोखिम भार बढ़ेगा और उच्चतर मानक आस्ति प्रावधान करना होगा।

पृष्ठभूमि

मार्च 2015 में रिज़र्व बैंक ने “दीर्घ एक्सपोजर ढांचा और बाजार व्यवस्था के माध्यम से क्रेडिट आपूर्ति बढ़ाना” शीर्षक से चर्चा पत्र जारी किया था, जिसपर अन्य पहलुओं के साथ-साथ उन तरीकों पर स्टेकधारकों से अभिमत आमंत्रित किए गए जिनके माध्यम से बड़े कॉर्पोरेटों को अपनी कार्यशील पूंजी और मीयादी ऋण आवश्यकताओं के लिए बाजार का प्रयोग करने के लिए एक कट-ऑफ स्तर से ऊपर बैंकिंग प्रणाली से उधार लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। स्टेकधारकों से प्राप्त अभिमतों के आधार पर और बाजार व्यवस्था के माध्यम से क्रेडिट आपूर्ति बढ़ाने के लिए अनेक विकल्पों की जांच करने के बाद इसे आवश्यक समझा गया जैसाकि इस मामले में विनियामकीय अनुदेशों को अंतिम रूप दिए जाने से पहले उपर्युक्त विषय पर आम जनता के अभिमतों के लिए एक अलग से चर्चा पत्र जारी करने के लिए 5 अप्रैल 2016 को मौद्रिक नीति वक्तव्य में घोषणा की गई थी।

चर्चा पत्र पर अभिमत प्रधान मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई-400001 को 30 मई 2016 तक भेजे या ई-मेल करें।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2650

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?