भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत में बैंकों के गतिशील प्रावधानीकरण ढांचे को लागू करने पर चर्चा पेपर जारी किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत में बैंकों के गतिशील प्रावधानीकरण ढांचे को लागू करने पर चर्चा पेपर जारी किया
30 मार्च 2012 भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत में बैंकों के गतिशील भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाईट पर बैंकों और अन्य स्टेकधारकों से अभिमत और प्रतिसूचना प्राप्त करने के लिए भारत में बैंकों के गतिशील प्रावधानीकरण ढांचे को लागू करने पर चर्चा पेपर जारी किया। वर्तमान में बैंक सामान्यत: दो प्रकार के प्रावधान अर्थात् मानक आस्तियों पर सामान्य प्रावधान और अनर्जक आस्तियों पर विशेष प्रावधान करते है। चूँकि संपूर्ण आर्थिक चक्र में अनर्जक आस्तियों के स्तर में भिन्नता होती है तदनुसार विशिष्ट प्रावधानों के परिणामी स्तर चक्रीय रूप से व्यवहार करते हैं। इसके फलस्वरूप वृद्धि के समय निम्न प्रावाधानीकरण और मंदी के समय उच्चतर प्रावधानीकरण का वास्तविक अर्थव्यवस्था पर प्रतिचक्रीय प्रभाव पड़ता है। वित्तीय संकट के बाद पूँजी और प्रावधानीकरण की प्रतिचग्रीयता का समाधान करने के लिए काउंटर चक्रीय पूँजी और प्रावधानीकरण बफर लागू करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। तदनुसार, रिज़र्व बैंक ने भारतीय बैंकों के ऋण इतिहास पर आधारित समायोजित मानदण्डों के साथ काउंटर चक्रीय प्रावधानीकरण ढॉंचे पर एक चर्चा पत्र तैयार किया है। विभिन्न मुद्दों की एक संरचित प्रतिक्रिया को सुविधा प्रदान करने के लिए चर्चा पत्र अभिमत के लिए प्रासंगिक मुद्दों पर विशिष्ट 'प्रश्नों' की सूची तैयार करता है। तथापि, इन प्रश्नों के अलावा बैंक/स्टेकधारक इस चर्चा पत्र में शामिल किसी अन्य मुद्दे पर भी अपने अभिमत/प्रतिसूचना भेज सकते हैं। अभिमत कृपया प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय भवन, 12वीं मंजि़ल, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुबई-400001 को अधिक से अधिक 15 मई 2012 को ई-मेल से भेजें जाएं। पृष्ठभूमि यह स्मरण होगा कि मौद्रिक नीति 2011-12 की दूसरी तिमाही समीक्षा में यह घोषणा की गई थी कि रिज़र्व बैंक गतिशील प्रावधानीकरण दृष्टिकोण पर अभिमत के लिए मार्च 2012 के अंत तक एक चर्चा पत्र जारी करेगा। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1562 |