रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 डब्ल्यू के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अधिकृत करने के लिए फ्रेमवर्क संबंधी ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किए - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 डब्ल्यू के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अधिकृत करने के लिए फ्रेमवर्क संबंधी ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किए
12 अक्टूबर 2017 रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 डब्ल्यू के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज रिज़र्व बैंक द्वारा नियंत्रित वित्तीय बाजार के साधनों के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अधिकृत करने के लिए ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किए। बैंकों, बाजार सहभागियों और अन्य इच्छुक पार्टियों से ड्राफ्ट दिशानिर्देशों पर टिप्पणियां 10 नवंबर 2017 तक आमंत्रित की गई हैं। ड्राफ्ट दिशानिर्देशों पर प्रतिक्रियाएं निम्न पते पर प्रेषित की जाएं : मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिजर्व बैंक या "इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अधिकृत करने संबंधी ड्राफ्ट दिशानिर्देशों पर प्रतिक्रिया" विषय पंक्ति के साथ ई-मेल पर प्रेषित की जाएं। पृष्ठभूमि वैश्विक वित्तीय संकट के बाद ओटीसी डेरिवेटिव मार्केट में सुधार के लिए विनियामक पहलों, बाजार संरचना और प्रौद्योगिकीय उन्नति में बदलाव के लिए मुख्यत: इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्मों पर ट्रेडिंग को दुनिया भर में प्रोत्साहित किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता, लेनदेन के समय और लागत के संबंध में प्रभावी प्रसंस्करण, बाजार में कुरीतियों और अनुचित व्यापारिक प्रथाओं को संरेखित करके जोखिम नियंत्रण में सुधार और बाजार निगरानी में मदद के रूप में कई लाभ प्रदान करते हैं। इन प्लेटफार्मों में बाजार तक पहुंच को व्यापक बनाने, प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने, पारंपरिक व्यापारिक पद्धतियों पर निर्भरता को कम करने और बेहतर मूल्य की खोज और बेहतर बाजार तरलता के कारण बाजार संरचना पर सकारात्मक प्रभाव डालने की क्षमता है। वित्तीय साधनों के लिए इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) को अधिकृत करने के लिए एक रूपरेखा जारी करने का निर्णय लिया गया है। इन दिशानिर्देशों के व्यापक उद्देश्य निम्ननुसार हैं: (i) पारदर्शी व्यापार, सुरक्षित निपटान प्रणाली और साधनों के मानकीकरण के माध्यम से बाजार का विकास; (ii) बाजारों में निष्पक्ष, न्यायसंगत, व्यवस्थित और गैर-भेदभावपूर्ण पहुंच को बढ़ावा देना; (iii) बाजार के दुरुपयोग की रोकथाम और प्रभावी निगरानी और निगरानी के माध्यम से वित्तीय ईमानदारी सुनिश्चित करना; तथा (iv) व्यापार संबंधी जानकारी के प्रसार में सुधार करना और इस प्रकार सूचना असमानता को कम करना। इस संबंध में 4 अक्टूबर 2017 के विकास और विनियामकीय नीतियों पर वक्तव्य में घोषणा की गई थी। जोस जे. कट्टूर प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/1017 |