भारतीय रिज़र्व बैंक ने परिचालनात्मक जोखिम पूँजी प्रभार की गणना के लिएउन्नत मापन दृष्टिकोण (एएमए) पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने परिचालनात्मक जोखिम पूँजी प्रभार की गणना के लिएउन्नत मापन दृष्टिकोण (एएमए) पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किया
6 जनवरी 2011 भारतीय रिज़र्व बैंक ने परिचालनात्मक जोखिम पूँजी प्रभार की गणना के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर परिचालनात्मक जोखिम पूँजी प्रभार की गणना के लिए उन्नत मापन दृष्टिकोण (एएमए) पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किया। प्रारूप दिशानिर्देशों पर अभिमत/प्रतिसूचना 7 फरवरी 2011 के पहले प्रभारी मुख्य महाप्रबंध, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय भवन, 12वीं मंजि़ल, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई-400001 को ई-मेल किए जा सकते हैं। रिज़र्व बैंक ने जुलाई 2009 में भारत में वासेल II ढॉंचे के अंतर्गत विनियामक पूँजी की गणना के लिए उन्नत दृष्टिकोण के कार्यान्वयन हेतु समय-सीमा घोषित की थी। परिचालनात्मक जोखिमों के लिए मानकीकृत दृष्टिकोण (टीएसए)/वैकल्पिक मानकीकृत दृष्टिकोण (एएसए) मार्च 2010 में तथा बाज़ार जोखिम के लिए आंतरिक प्रतिदर्श दृष्टिकोण (आइएमए) अप्रैल 2010 में जारी किए गए थे। रिज़र्व बैंक ने जुलाई 2009 में बैंकों को सूचित किया था कि वे अन्य बातों के बीच 1 अप्रैल 2012 के बाद से परिचालनात्मक जोखिम के लिए उन्नत मापन दृष्टिकोण (एएमए) को लागू करने के लिए आवेदन करें। परिचालनात्मक जोखिम के लिए उन्नत मापन दृष्टिकोण (एएमए) हेतु दिशानिर्देशों को दिसंबर 2010 तक अंतिम रूप दिए जाने की आशा की जाती थी। अल्पना किल्लावाला प्रेस प्रकाशनी : 2010-2011/966 |