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भारतीय रिज़र्व बैंक ने बासेल III पूँजी विनियमन पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किए

30 दिसंबर 2011

भारतीय रिज़र्व बैंक ने बासेल III पूँजी विनियमन पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किए

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारत में बासेल III पूँजी विनियमन को लागू करने के लिए प्रस्‍तावित दिशानिर्देशों को दर्शाने वाला प्रारूप जारी किया। उक्‍त दिशानिर्देश दिसंबर 2010 में जारी बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बासेल समिति (बीसीबीएस) के ''बासेल III : बैंकों और बैंकिंग प्रणालियों को अधिक लचीला बनाने के लिए एक वैश्विक विनियामक ढॉंचा'' नामक व्‍यापक सुधार पैकेज के अनुपालन में जारी की गई है।

प्रारूप दिशानिर्देशों की मुख्‍य-मुख्‍य बातें निम्‍नानुसार है :

न्‍यूनतम पूँजी आवश्‍यकताएं

  • सामान्‍य ईक्विटी टियर (सीइटी I) पूँजी को जोखिम भारित आस्तियों (आरडब्‍ल्‍यूए) का कम-से-कम 5.5 प्रतिशत होना चाहिए;

  • टियर I पूंजी को जोखिम भारित आस्तियों का कम-से-कम 7 प्रतिशत होना चाहिए; और

  • कुल पूँजी को जोखिम भारित आस्तियों का कम-से-कम 9 प्रतिशत होना चाहिए।

पूँजी संरक्षण बफ्फर

  • पूँजी संरक्षण बफ्फर को जोखिम भारित आस्तियों का 2.5 प्रतिशत सामान्‍य ईक्विटी के रूप में होना चाहिए।

अंतरण व्‍यवस्‍थाएं

  • यह प्रस्‍तावित है कि न्‍यूनतम पूँजी आवश्‍यकताओं और सामान्‍य ईक्विटी से कटौती को लागू करने की अवधि 1 जनवरी 2013 से शुरू होगी और 31 मार्च 2017 को पूर्ण रूप से लागू हो जाएगी।

  • पूँजी संरक्षण बफ्फर आवश्‍यकताओं को 31 मार्च 2014 और 31 मार्च 2017 के बीच लागू करने का प्रस्‍ताव है।

  • ऊपर उल्लिखित लागू करने का समय इन दिशानिर्देशों पर प्राप्‍त प्रतिसूचना को ध्‍यान में रखते हुए अंतिम रूप से निर्धारित किया जाएगा।

  • विनियामक पूँजी लिखतों के रूप जो लिखत अब अर्हक नहीं है को चरणबद्ध रूप से 1 जनवरी 2013 से 31 मार्च 2022 के दौरान हटा दिया जाएगा।

जोखिम कवर को बढ़ाना

  • काउंटरों पर किए डेरिवेटिवज़ के लिए मौजूदा एक्‍सपोज़र पद्धति के अंतर्गत काउंटर पार्टी चूक जोखिम के लिए पूँजी प्रभार के अलावा बैंकों को अतिरिक्‍त ऋण मूल्‍य समायोजन (सीवीए) जोखिम पूँजी प्रभार की गणना करनी  होगी।

लिवरेज़ अनुपात

  • लिवरेज़ अनुपात के लिए समकक्ष दौर 1 जनवरी 2013 से 1 जनवरी 2017 तक होगा जिसके दौरान बैंकों से अपेक्षा की जाती है कि वे 5 प्रतिशत का न्‍यूनतम टियर I लिवरेज़ अनुपात को प्राप्‍त करने का प्रयास करेंगे। लिवरेज़ अनुपात आवश्‍यकताएं बासेल समिति के अंतिम प्रस्‍ताव को ध्‍यान में लेते हुए उसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

अभिमत/प्रतिसूचना

कृपया लागू करने का समय सहित प्रारूप दिशानिर्देशों पर अपने अभिमत/प्रतिसूचना अंतिम तारीख 15 फरवरी 2012 को या उससे पहले प्रभारी मुख्‍य महाप्रबंधक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय भवन, 12वीं मंजि़ल, एस.बी.सिंह मार्ग, मुंबई-400001 को भेजें अथवा ई-मेल करें। सुझावों और अभिमतों को ध्‍यान में लेते हुए दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिया जाएगा।

पृष्‍ठभूमि

आपको यह याद होगा कि 25 अक्‍टूबर 2011 को 2011-12 के लिए मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा (पैरा 95) में यह घोषित किया गया था कि रिज़र्व बैंक दिसंबर 2011 तक बासेल III  ढॉंचा लागू करने के लिए प्रारूप दिशानिर्देशों को जारी करेगी।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/1046

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