भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऋण जोखिम पूँजी प्रभार की गणना के लिए आंतरिक जोखिम आधारित (आइआरबी) दृष्टिकोण पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऋण जोखिम पूँजी प्रभार की गणना के लिए आंतरिक जोखिम आधारित (आइआरबी) दृष्टिकोण पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किया
10 अगस्त 2011 भारतीय रिज़र्व बैंक ने ऋण जोखिम पूँजी प्रभार की गणना के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर ऋण जोखिम पूँजी प्रभार की गणना के लिए आंतरिक जोखिम आधारित (आइआरबी) दृष्टिकोण पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किया। प्रारूप दिशानिर्देश पर अभिमत/प्रतिसूचना 9 सितंबर 2011 के पहले इ-मेल किए जा सकते हैं अथवा प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय भवन, 12वीं मंजि़ल, शहीद भगत सिंह मार्ग, मुंबई-400001 को डाक से भेजे जा सकते हैं। रिज़र्व बैंक ने जुलाई 2009 में भारत में बासेल II ढॉंचे के अंतर्गत विनियामक पूँजी की गणना के लिए उन्नत दृष्टिकोणों के कार्यान्वयन हेतु समय-सीमा की घोषणा की थी। इस समय-सीमा के अनुसार बैंक 1 अप्रैल 2012 के बाद से ऋण जोखिम की गणना के लिए आंतरिक क्रम निर्धारण आधारित (आइआरबी) दृष्टिकोण अपनाने हेतु आवेदन कर सकते थे। परिचालनात्मक जोखिम के लिए मानकीकृत दृष्टिकोण (टीएसए)/वैकल्पिक मानकीकृत दृष्टिकोण (एएसए) हेतु दिशानिर्देश मार्च 2010 में जारी किए गए थे जिनमें बाज़ार जोखिम के लिए आंतरिक प्रतिदर्श हेतु दृष्टिकोण (आइएमएस) दिशानिर्देश अप्रैल 2010 में तथा परिचालनात्मक जोखिम के लिए उन्नत मापन दृष्टिकोण (एएमए) दिशानिर्देश अप्रैल 2011 में जारी किए गए थे। अजीत प्रसाद प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/222 |