भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग करने में जोखिमों के प्रबंध और आचार संहिता पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किए - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग करने में जोखिमों के प्रबंध और आचार संहिता पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किए
10 अप्रैल 2015 भारतीय रिज़र्व बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग करने में भारतीय रिज़र्व बैंक ने इच्छुक पार्टियों और आमजनता से टिप्पणियां/राय मांगने के लिए आज अपनी वेबसाइट पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग करने में जोखिमों के प्रबंध और आचार संहिता पर प्रारूप दिशानिर्देश जारी किए। प्रारूप दिशानिर्देशों पर सुझाव/टिप्पणियां ईमेल से या डाक से मुख्य महाप्रबंधक, गैर-बैंकिंग विनियमन विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, दूसरी मंजिल, केंद्र-1, विश्व व्यापार केंद्र, कफ परेड, कोलाबा, मुंबई-400005 को 8 मई 2015 को या इससे पहले भेजें। पृष्ठभूमि वित्तीय संस्थाएं अपने कुछ परिचालनों की आउटसोर्सिंग कर रही हैं जिससे कि वे अपने पास आंतरिक रूप से उपलब्ध नहीं होने वाली विशेषज्ञ निपुणता हासिल कर सकें और परिचालनात्मक लागत कम कर सके। ‘आउटसोर्सिंग’ की परिभाषा वित्तीय संस्था द्वारा निरंतर आधार पर या एक सीमित समयावधि में अपने कार्यकलाप करने के लिए एक तृतीय पक्षकार (कॉर्पोरेट समूह में संबद्ध संस्था या कॉर्पोरेट समूह से बाहर की एक संस्था) का उपयोग करने के रूप में की गई है। इन कार्यकलापों को सामान्यतः वित्तीय संस्था द्वारा किया जाएगा। आउटसोर्सिंग के कई जोखिम हैं जिनका प्रबंध किए जाने की आवश्यकता है। यह देखा गया है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) अपने कुछ परिचालनों को भी काफी मात्रा में आउटसोर्स कराती हैं। उन जोखिमों के समाधान के लिए उचित बचाव व्यवस्था शुरू करने की आवश्यकता पर विचार करते हुए और वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग (एफएसएलआरसी) की सिफारिशों के अनुपालन में यह निर्णय लिया गया है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों हेतु आउटसोर्सिंग के लिए एक ढांचा तैयार किया जाए। प्रयोजनीयता ये दिशानिर्देश सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर लागू हैं जिनमें मुख्य निवेश कंपनियां और प्राथमिक व्यापारी शामिल हैं। यह नोट किया जाए कि यह पूरी तरह से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर है कि वे निर्णय के वाणिज्यिक पहलुओं और शामिल जोखिमों सहित सभी संगत कारकों के संबंध में वित्तीय सेवाओं से संबंधित अनुमति प्राप्त गतिविधि की आउटसोर्सिंग करने की इच्छा पर विचार करें। तथापि, जैसाकि प्रारूप दिशानिर्देशों में कहा गया है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी अपने निर्णय में किसी वित्तीय सेवा कार्यकलाप की आउटसोर्सिंग और ऐसी आउटसोर्सिंग में शामिल जोखिमों का समाधान करने के लिए आवश्यक बचाव व्यवस्था निर्धारत करें। प्रारूप दिशानिर्देशों पर प्रतिसूचना, टिप्पणियों और सुझावों पर विचार करने के बाद अंतिम दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे। संगीता दास प्रेस प्रकाशनी : 2014-2015/2147 |