भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 डब्ल्यू के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक (ओटीसी डेरिवेटिव संविदाओं का नवीयन) निदेश, 2025 का मसौदा जारी किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 डब्ल्यू के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक (ओटीसी डेरिवेटिव संविदाओं का नवीयन) निदेश, 2025 का मसौदा जारी किया
भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज अपनी वेबसाइट पर भारतीय रिज़र्व बैंक (ओटीसी डेरिवेटिव संविदाओं का नवीयन) निदेश, 2025 का मसौदा जारी किया। इन निदेशों के मसौदे पर बैंकों, बाज़ार सहभागियों और अन्य इच्छुक पक्षकारों से 1 अगस्त 2025 तक टिप्पणियाँ आमंत्रित हैं। निदेशों के मसौदे पर प्रतिक्रिया निम्नलिखित पते पर: मुख्य महाप्रबंधक या ईमेल द्वारा विषय पंक्ति "भारतीय रिज़र्व बैंक (ओटीसी डेरिवेटिव संविदाओं का नवीयन) निदेश, 2025 के मसौदे पर प्रतिक्रिया" के साथ भेजी जा सकती है । पृष्ठभूमि और उद्देश्य वर्तमान में, ओटीसी डेरिवेटिव संविदाओं का नवीयन भारतीय रिज़र्व बैंक के दिनांक 9 दिसंबर 2013 के परिपत्र द्वारा नियंत्रित होता है। वर्ष 2013 से ओटीसी डेरिवेटिव को नियंत्रित करने वाले समग्र विनियामक ढांचे में हुए परिवर्तनों और प्राप्त बाजार प्रतिक्रिया के साथ-साथ संबंधित विनियामक अपेक्षाओं को युक्तिसंगत बनाने के उद्देश्य से उक्त परिपत्र के प्रावधानों की समीक्षा की गई है।
(पुनीत पंचोली) प्रेस प्रकाशनी: 2025-2026/682 |