रिज़र्व बैंक ने दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान हेतु विवेकपूर्ण फ्रेमवर्क जारी किया - आरबीआई - Reserve Bank of India
रिज़र्व बैंक ने दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान हेतु विवेकपूर्ण फ्रेमवर्क जारी किया
7 जून 2019 रिज़र्व बैंक ने दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान हेतु विवेकपूर्ण फ्रेमवर्क जारी किया माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दिनांक 2 अप्रैल 2019 के अपने आदेश द्वारा दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान संबंधी दिनांक 12 फरवरी 2018 के रिज़र्व बैंक के परिपत्र को अधिकारातीत (अल्ट्रा वाइरस) बताया। उक्त के आलोक में, 4 अप्रैल 2019 को गवर्नर द्वारा जारी दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान हेतु फ्रेमवर्क संबंधी वक्तव्य में यह स्पष्ट किया गया कि भारतीय रिज़र्व बैंक दबावग्रस्त आस्तियों के त्वरित एवं प्रभावी समाधान के लिए संशोधित परिपत्र जारी करने के साथ-साथ, जैसे भी आवश्यक हो, उचित कदम भी उठाएगा। तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के मद्देनजर बैंकों द्वारा दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के लिए विवेकपूर्ण फ्रेमवर्क को आज अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया है। दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान के लिए विनियामक दृष्टिकोण के आधारभूत सिद्धांत निम्नानुसार हैं:
इस फ्रेमवर्क में निहित किसी भी मुद्दे के बावजूद विशिष्ट चूक के लिए उधारकर्ताओं के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के लिए, जहां भी आवश्यक हो, रिज़र्व बैंक, बैंकों को दिशानिर्देश जारी करेगा ताकि प्रभावी समाधान की गति अपरिवर्तित रहे। यह उम्मीद की जाती है कि मौजूदा परिपत्र ऋण संस्कृति में सुधार को बनाए रखेगा जो कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के अब तक के प्रयासों से जारी है और यह भारत में एक मजबूत और लचीली वित्तीय प्रणाली को बढ़ावा देने में भी सार्थक सिद्ध होगा। 4 अप्रैल, 2019 के वक्तव्य में गवर्नर द्वारा बताए गए अनुसार, रिज़र्व बैंक दबावग्रस्त आस्तियों के समाधान की गति को बनाए रखने और उसमें वृद्धि करने तथा क्रेडिट अनुशासन के अनुपालन हेतु प्रतिबद्ध है। योगेश दयाल प्रेस प्रकाशनी: 2018-2019/2886 |