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भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिसंबर 2016 के लिए तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण जारी किया

12 सितंबर 2017

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिसंबर 2016 के लिए तिमाही बीएसआर-1:
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण जारी किया

आज, भारतीय रिज़र्व बैंक ने वेब प्रकाशन ‘तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का बकाया ऋण, दिसंबर 2016’ जारी किया। क्षेत्रीय ग्रमीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक तिमाही आधार पर बीएसआर-1 के अंतर्गत ऋण-खाता स्तरीय आंकड़े प्रस्तुत करते हैं। बीएसआर-1 में बैंक क्रेडिट के अनेक आयामों जैसे उधारकर्ता का व्यवसाय/गतिविधि और संगठनात्मक क्षेत्र, खाते का प्रकार और ब्याज दरों पर जानकारी एकत्र की जाती है। आंकड़ों को बैंक समूह, जनसंख्या समूह, राज्य और जिला स्तरों पर प्रस्तुत किया जाता है।

दिसंबर 2016 के लिए बीएसआर-1 आंकड़ों में 91 अनसूचित वाणिज्यिक बैंकों के 1,12,739 कार्यालयों (पिछली तिमाही में 1,10,606 कार्यालयों को कवर किया गया था) को कवर किया गया। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के बकाया सकल बैंक ऋण पर दिसंबर 2014 से तिमाही आंकड़े वेब लिंकः https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!12 पर ‘भारतीय अर्थव्यवस्था का डेटाबेस’ में उपलब्ध हैं।

मुख्य-मुख्य बातें:

  • बैंक ऋणों का आकार-वार वितरण 12,005 बड़े खातों (100 करोड़ से ऊपर की क्रेडिट सीमा) के साथ काफी तिरछा (स्क्यूड) है जो दिसंबर 2016 के कुल क्रेडिट के 31.1 प्रतिशत की हिस्सेदारी है जबकि लगभग 79 मिलियन लघु-आकार के ऋण खातों ( 25,000 से 2,00,000 की क्रेडिट सीमा) की हिस्सेदारी केवल 7 प्रतिशत रही।

  • कृषि, उद्योग और वैयक्तिक आवास ऋणों की हिस्सेदारी कुल बैंक ऋण में क्रमशः 11.9 प्रतिशत, 39.7 प्रतिशत और 10.7 प्रतिशत रही (पिछली तिमाही में यही हिस्सेदारी क्रमशः 12.1 प्रतिशत, 40.1 प्रतिशत और 10.6 प्रतिशत थी)।

  • संस्थागत क्षेत्रों में, कुल क्रेडिट में परिवारों की हिस्सेदारी 44.0 प्रतिशत थी, इसके बाद निजी निगम थे जिनकी हिस्सेदारी 36.7 प्रतिशथ थी।

  • समग्र स्तर पर, भारित औसत उधार दर (डब्ल्यूएएलआर) इस तिमाही के दौरान 6 आधार अंक घटकर दिसंबर 2016 में 11.20 प्रतिशत हो गई। उद्योग के लिए ऋण का डब्ल्यू का डब्ल्यूएएलआर तिमाही के दौरान 7 आधार अंकों तक कम हुआ।

  • निजी क्षेत्र के बैंकों ने अपने क्रेडिट पोर्टफोलियो में 1.67 मिलियन ऋण खाते जोड़े। दूसरी तरफ, राष्ट्रीयकृत बैंकों के पास ऋण खातों की संख्या में 0.46 मिलियन की गिरावट आई।

  • कुल क्रेडिट में निजी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी राष्ट्रीयकृत बैंकों की कीमत पर दिसंबर 2016 में बढ़कर 26.9 प्रतिशत हो गई (पिछली तिमाही में 26.4 प्रतिशत थी)।

जोस जे. कट्टूर
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2017-2018/706

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