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भारतीय रिज़र्व बैंक ने जारी किया ‘तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण, मार्च 2016

10 अगस्त 2016

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जारी किया ‘तिमाही बीएसआर-1:
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण, मार्च 2016

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज वेब प्रकाशन तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का बकाया ऋण, मार्च 2016 जारी किया। बीएसआर-1 में उधारकर्ता के व्यवसाय/कार्यकलाप और सांगठनिक क्षेत्र, खाते के प्रकार, ब्याज दर, ऋण सीमा तथा बकाया राशि से संबंधित सूचना प्रत्येक ऋण खाते के लिए प्राप्त की जाती है। ऐसी सूचना बैंक समूह, जनसंख्या समूह और रिपोर्टिंग बैंक कार्यालयों के अवस्थितिपरक मानदंडों का उपयोग करते हुए राज्य स्तर पर समग्र रूप से प्राप्त की जाती है।

इस वेब प्रकाशन में 31 मार्च 2016 की स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) के 1,08,934 कार्यालयों को कवर किया गया है जिसमें इस तिमाही से आईडीएफसी बैंक भी शामिल है, बीएसआर-1 को रिपोर्ट करने वाले अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) की कुल संख्या बढ़कर 91 हो गई है।

इस वेब प्रकाशन में 31 दिसंबर 2014 से अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (आरआरबी के अलावा अन्य) के सकल बैंक ऋण पर विस्तृत आंकड़े निहित हैं। इन आंकड़ों को भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) (http://dbie.rbi.org.in) की वेबसाइट के माध्यम से http://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!12 पर एक्सेस किया जा सकता है।

मुख्य अंश:

  • निजी क्षेत्र के बैंकों में उच्च क्रेडिट ग्रोथ की अगुवाई में बैंक क्रेडिट ने मार्च 2016 (वर्ष दर वर्ष) में 9.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। दिलचस्प बात यह है कि शहरी और महानगरीय क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ऋण वृद्धि अधिक थी।

  • ऋण खातों की कुल संख्या के संदर्भ में, बैंकिंग क्षेत्र में मार्च 2016 में 13.9 प्रतिशत की वर्ष दर वर्ष वृद्धि दर्ज की गई। निजी क्षेत्र के बैंकों के खातों की संख्या में वृद्धि अधिक थी।

  • औद्योगिक क्षेत्र के लिए ऋण (वर्ष दर वर्ष) मार्च 2016 में 4.3 फीसदी की धीमी गति में बढ़ा जो कमजोर घरेलू मांग और मातहत कंपनी के निष्पादन को दर्शाता है।परिणामस्वरूप, इससे अपनी हिस्सेदारी में कुल ऋण गिरावट मार्च 2015 के 42.3 प्रतिशत से मार्च 2016 में 40 प्रतिशत हो गई।

  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के कुल ऋण में व्यक्तिगत ऋण की हिस्सेदारी मार्च 2015 के 16.7 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2016 में 17.9 प्रतिशत हो गई, जो आवास ऋण की उच्च वृद्धि के कारण हुई।

  • भारित औसत उधारी दर (डब्ल्यूएएलआर) मार्च 2015 के 11.79 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2016 में घटकर 11.34 हो गई। आवास ऋण के लिए डब्ल्यूएएलआर मार्च 2015 के 10.5 प्रतिशत से कम होकर मार्च 2016 में 9.82 प्रतिशत हो गई।

अजीत प्रसाद
सहायक परामर्शदाता

प्रेस प्रकाशनी: 2016-2017/377

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