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भारतीय रिज़र्व बैंक ने जारी की ‘तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण, मार्च 2015

12 अक्टूबर 2015

भारतीय रिज़र्व बैंक ने जारी की ‘तिमाही बीएसआर-1:
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण, मार्च 2015

भारतीय रिज़र्व बैंक ने ‘तिमाही बीएसआर-1: अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का बकाया ऋण, मार्च 2015’ जारी की। बीएसआर-1 के अंतर्गत उधारकर्ता के व्यवसाय/कार्यकलाप और संगठनात्मक क्षेत्र, खाते के स्वरूप, ब्याज दर, ऋण सीमा और बकाया राशि संबंधी सूचना प्रत्येक ऋण खाते के लिए एकत्र की जाती है। रिपोर्टिंग बैंक कार्यालयों के अवस्थिति पैरामीटरों का प्रयोग करते हुए बैंक समूह, आबादी समूह और राज्य के स्तर पर ऐसी सूचनाओं को संकलित किया जाता है।

इस वेब प्रकाशन में 31 दिसंबर 2014 और 31 मार्च 2015 की स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) के सकल बैंक ऋण पर व्यापक आंकड़े तथा 31 मार्च 2014 की स्थिति के अनुसार तुलनात्मक आंकड़े दिए गए हैं। ये आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था पर डेटाबेस (डीबीआईई) (http://dbie.rbi.org.in) की वेबसाइट के माध्यम से http://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!12 पर देखे जा सकते हैं।

रिज़र्व बैंक बीएसआर-1 के माध्यम से वार्षिक आधार पर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से ब्यौरेवार (ग्रेन्यूलर) आंकड़े एकत्र करता रहा है, जिनके परिणाम ‘भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की मूलभूत सांख्यिकीय विवरणियां’ नामक वार्षिक प्रकाशन में प्रकाशित किए जाते हैं। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर अन्य सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के मामले में इस सर्वेक्षण के समयांतराल को बदलकर तिमाही कर दिया गया है।

दिसंबर 2014 से लेकर तिमाही बीएसआर-1 आंकड़े एक अलग श्रृंखला के रूप में जारी किए जा रहे हैं।

मुख्य बातें :

  • मार्च 2015 के अंत की स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) के सकल बकाया ऋण की राशि 66,972 बिलियन दर्ज हुई, जिसमें वर्ष 2014-15 के स्‍तर से 9.4 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

  • जहां तक उधार खातों की संख्‍या का संबंध है, वह मार्च 2014 में दर्ज 117 मिलियन की तुलना में मार्च 2015 में 4.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज करते हुए 122 मिलियन पर पहुंच गई।

  • वर्ष के दौरान ग्रामीण और अर्ध-शहरी केंद्रों ने ऋण के मामले में क्रमश: 13.9 प्रतिशत और 14.3 प्रतिशत की उच्‍चतर वृद्धि दर्ज की, वहीं शहरी और महानगरीय केंद्रों ने क्रमश: 9.8 प्रतिशत और 8.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

  • 0.2 मिलियन तक की ऋण सीमा वाले प्रत्‍येक छोटे उधार खाते, जिनका उधार खातों की कुल संख्‍या में लगभग तीन-चौथाई का हिस्‍सा होता है, ने 7.2 प्रतिशत की निम्‍नतर ऋण वृद्धि दर्ज की थी।

  • मार्च 2015 में सकल बैंक ऋण में ‘कृषि’ क्षेत्र और ‘उद्योग’ क्षेत्र को दिए गए ऋण के हिस्‍से में क्रमश: 11.7 प्रतिशत और 42.3 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की थी, जबकि मार्च 2014 में इनका हिस्‍सा क्रमश: 12.0 प्रतिशत और 42.7 प्रतिशत रहा। ‘निजी आवास ऋणों’ के हिस्‍से में मार्च 2014 में दर्ज 8.5 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2015 में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई।

  • सभी ऋणों व अग्रिमों की भारित औसत ब्‍याज दर में वर्ष के दौरान 25 आधार अंकों की गिरावट आई जो मार्च 2014 के अंत में दर्ज 12.04 प्रतिशत की तुलना में मार्च 2015 के अंत में 11.79 प्रतिशत पर पहुंच गई।

संगीता दास
निदेशक

प्रेस प्रकाशनी : 2015-2016/880

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