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भारिबैं द्वारा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर मार्च 2020 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन

29 मई 2020

भारिबैं द्वारा ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर
मार्च 2020 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन’

आज भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपने भारतीय अर्थव्यवस्था का डेटाबेस (DBIE) पोर्टल पर “अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा और ऋण राशियों पर मार्च 2020 तिमाही के लिए सांख्यिकी का प्रकाशन” जारी किया (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3)। कुल क्रेडिट और डिपॉजिट संबंधी डेटा को उसके प्रकार के अनुसार विभक्त करते हुए राज्य/संघ शासित प्रदेशों (यूटी), जिला, केंद्रों, जनसंख्या समूहों और बैंक समूहों में वर्गीकृत किया गया है। ये डेटा मूलभूत सांख्यिकी विवरणी (बीएसआर) -7 प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित वाणिज्य बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) और लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) को सम्मिलित करते हुए एकत्र किए गए हैं।1

विशेष:

  • सभी जनसंख्या समूहों (ग्रामीण/अर्द्धशहरी/शहरी/मेट्रोपोलिटन) में मार्च 2020 की तिमाही में बैंक क्रेडिट वृद्धि दर (वर्षानुवर्ष) में कमी पायी गई।

  • मेट्रोपोलिटन बैंक शाखाओं, बैंक क्रेडिट में जिनकी भागीदारी लगभग 63 प्रतिशत की है, की क्रेडिट वृद्धि एक वर्ष पूर्व 13.5 प्रतिशत (वर्षानुवर्ष) पर थी जो मार्च 2020 में घटकर 4.8 प्रतिशत पर आ गई।

  • मार्च 2020 में सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्रों के लिए क्रेडिट वृद्धि क्रमशः 4.2 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत, एक वर्ष पहले दर्ज़ की गई वृद्धि के आघे से भी कम थी।

  • अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (एससीबी) की सकल जमा राशियों की वृद्धि मामूली रूप से घटकर 9.5 प्रतिशत (वर्षानुवर्ष) पर आ गई जो एक तिमाही पहले 10.0 प्रतिशत पर थी। मेट्रोपोलिटन शाखाओं, जिनका सकल जमा राशियों में आधे से अधिक का योगदान है, में जमाराशियों की वृद्धि दर (6.9 प्रतिशत) में भारी कमी देखी गई, जबकि ग्रामीण और अर्द्ध शहरी शाखाओं में उच्च वृद्धि (क्रमशः 15.5 प्रतिशत और 12.3 प्रतिशत)) दर्ज़ हुई।

  • सरकारी क्षेत्र के बैंकों की जमा राशियों में वृद्धि (वर्षानुवर्ष) में थोड़ी बढ़त (8.2 प्रतिशत) थी, यद्यपि यह एक अंकीय ही रही। इसके विपरीत निजी क्षेत्र के बैंकों की जमा राशियों में वृद्धि दो अंकीय बनी रही (10.4 प्रतिशत) जबकि लगातार दूसरी तिमाही में भी इसमें कमी आई थी।

  • तिमाही के दौरान कुल जमा राशियों में चालू और बचत खातों (सीएएसए) की हिस्सेदारी बढ़कर 42.1 प्रतिशत हो गई जो पिछली तिमाही में 41.2 प्रतिशत थी।

  • मार्च 2020 की तिमाही में अखिल भारतीय ऋण-जमा अनुपात (सी-डी अनुपात) एक वर्ष पहले के 78.2 प्रतिशत से घटकर 76.0 प्रतिशत हो गया। समीक्षाधीन अवधि में सभी जनसंख्या समूहों में ऋण-जमा अनुपात में गिरावट देखी गई।

अजीत प्रसाद
निदेशक  

प्रेस प्रकाशनी: 2019-2020/2422


1 मार्च 2020 के रिपोर्टिंग शुक्रवार के लिए पाक्षिक फॉर्म-ए रिटर्न (भारिबैं अधिनियम 1934 की धारा 42 (2) के तहत संकलित) पर आधारित सकल डेटा का प्रकाशन पहले हमारी वेबसाइट (होम> स्टैटिस्टिक्स> डेटा रिलीज>फोर्टनाइटली - शेडयूल्ड बैंक'स स्टेटमेंट ऑफ पोजीशन इन इंडिया) पर किया गया था और चयनित बैंकों के आधार पर मार्च 2020 के लिए बैंक क्रेडिट डेटा की मासिक सकल स्तरीय  क्षेत्रीय तैनाती भी हमारी वेबसाइट (होम> स्टैटिस्टिक्स> डेटा रिलीज> मंथली> बैंक क्रेडिट की क्षेत्रीय तैनाती पर डेटा) पर प्रकाशित की गई थी।

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