26 जून 2012 भारतीय रिजर्व बैंक ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमाराशियां एवं ऋण की तिमाही सांख्यिकी : दिसंबर 2011 जारी की भारतीय रिजर्व बैंक ने आज अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमाराशियां एवं ऋण की तिमाही सांख्यिकी-दिसंबर 2011 जारी की। इस प्रकाशन में दिसंबर 30, 2011 की स्थिति अनुसार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमाराशियां एवं ऋण से संबंधित आँकड़े दर्शाये गये है। ये आँकड़े मूलभूत-सांख्यिकीय विवरणियों (बीएस्आर)-7 पर आधारित होते हैं, अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक भी) से प्राप्त किए जाते हैं। मुख्य-मुख्य बातें बैंक सुविधायुक्त केंद्रों की संख्या
शीर्षस्थ 100/200 केन्द्र में जमा और ऋण
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जमाराशियों की मात्रा के अनुसार क्रम में रखे गये शीर्ष सौ केंद्रों की जमाराशियां कुल जमाराशि का 69.4 प्रतिशत रहा और बैंक ऋण की मात्रा के अनुसार क्रम में रखे गये शीर्ष सौ केंद्रों का कुल बैंक ऋण 78.1 प्रतिशत था।
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दिसंबर 2010 में शीर्ष सौ केंद्रों में कुल जमाराशियों सकल बैंक ऋण का तदनरूपी हिस्सा क्रमश: 68.9 प्रतिशत और 78.4 प्रतिशत था।
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दिसंबर 2011 में शीर्ष सौ केंद्रों की कुल जमाराशि में पिछले वर्ष से 18.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि दिसंबर 2010 में वही बढ़ोतरी 18.0 प्रतिशत थी।
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शीर्ष सौ केंद्रों के सकल बैंक ऋण में दिसंबर 2011 में 15.6 प्रतिशत की वृद्धि दिसंबर 2010 की 28.1 प्रतिशत की वृद्धि से कम रही।
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कुल जमाराशियों की दृष्टि में शीर्ष 200 केन्द्रों ने कुल रिपोर्टकर्ता कार्यालयों की संख्या में 32.4 प्रतिशत एवं कुल जमाराशियों में 74.4 प्रतिशत का योगदान किया। सकल बैंक ऋण में शीर्ष 200 केन्द्रों का हिस्सा कुल बैंक ऋण में 81.6 प्रतिशत रहा और रिपोर्टकर्ता कार्यालयों में 31.5 प्रतिशत था।
बैंक समूहवार जमा और ऋण में हिस्सा
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समूह के रूप में राष्ट्रीयकृत बैंकों ने कुल जमा राशियों में 52.1 प्रतिशत का योगदान दिया।
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भारतीय स्टेट बैंक और इसके सहयोगी बैंकों का कुल जमाराशियों में योगदान 21.9 प्रतिशत का रहा।
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निजी क्षेत्र के नए बैंक, निजी क्षेत्र के पुराने बैंक, विदेशी बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का कुल जमा राशियों में क्रमश: 13.9 प्रतिशत, 4.8 प्रतिशत, 4.5 प्रतिशत और 2.9 प्रतिशत का हिस्सा रहा।
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सकल बैंक ऋण के संदर्भ में कुल बैंक ऋण में सर्वाधिक 51.2 प्रतिशत हिस्सा राष्ट्रीयकृत बैंकों का रहा, जबकि इसके पीछे भारतीय स्टेट बैंक और इसके सहयोगी बैंक 22.5 प्रतिशत और निजी क्षेत्र के नए बैंक 13.8 प्रतिशत का रहा। तुलनात्मक रुप से विदेशी बैंक, निजी क्षेत्र के पुराने बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का कुल बैंक ऋण में हिस्सा कम रहा क्रमश: 5.2 प्रतिशत, 4.8 प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत रहा।
ऋण-जमा अनुपात
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अखिल भारतीय स्तर पर दिसंबर 30, 2011 की स्थिति के अनुसार अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के ऋण और जमा राशियों (सी-डी) का अनुपात 75.5 प्रतिशत रहा। राज्यों/संघशासित क्षेत्रों में सर्वाधिक सी-डी का अनुपात चंडीगढ़ (118.7 प्रतिशत) में देखा गया, जबकि इसके बाद तमिलनाडु (116.3 प्रतिशत) तथा आंध्र प्रदेश (109.9) का स्थान रहा।
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बैंक समूह स्तर पर सी-डी अनुपात अखिल भारतीय सी-डी अनुपात की तुलना में विदेशी बैंकों (88.6 प्रतिशत), भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंकों (77.5 प्रतिशत), और निजी क्षेत्र के पुराने बैंक (75.8 प्रतिशत) का अधिक रहा। निजी क्षेत्र के नए बैंकों (74.8 प्रतिशत), राष्ट्रीयकृत बैंकों (74.3 प्रतिशत) और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (64.6 प्रतिशत) का सी-डी अनुपात सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के सी-डी अनुपात से कम रहा।
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अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की ऋण-जमाराशि (सी-डी) का अनुपात महानगर (मेट्रोपोलिटन) केंद्रों में सर्वाधिक (88.0प्रतिशत) रहा। ग्रामीण केंद्रों (67.0 प्रतिशत) और शहरी केंद्रों (59.9 प्रतिशत) का स्थान उसके बाद रहा। अर्धशहरी केंद्रों में सी-डी अनुपात निम्नतम (52.9 प्रतिशत) रहा।
बैंक कार्यालयों का वितरण
अजीत प्रसाद सहायक महाप्रबंधक प्रेस प्रकाशनी : 2011-2012/2066 |