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भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा “अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियां एवं ऋण की तिमाही सांख्यिकी - "जून 2014" का प्रकाशन

29 सितंबर 2014

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा “अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमाराशियां एवं
ऋण की तिमाही सांख्यिकी - "जून 2014" का प्रकाशन

भारतीय रिजर्व बैंक ने आज जून 2014 को समाप्त तिमाही के लिए "अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमाराशियां एवं ऋण की तिमाही सांख्यिकी" नामक समय श्रेणी जारी की है। इन आंकड़ों को भारिबैं की वेबसाइट https://dbie.rbi.org.in के माध्यम से https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3 पर देखा जा सकता है। यह आंकड़ा श्रृंखला मूलभूत-सांख्यिकीय विवरणियां (मूसांवि)-7 के माध्यम से बैंकों द्वारा प्रस्तुत आंकडों पर आधारित है और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) की जमाराशियां एवं सकल बैंक ऋण के स्थानिक वितरणों के आंकड़े दर्शाता है। ये आंकड़े राज्य, जिला, केन्द्र (तीन अथवा अधिक शाखाओं वाले), जनसंख्या समूह और बैंक समूह के आधार पर वर्गीकृत किए गए हैं।

मुख्य-मुख्य बातें :

  • सकल जमाराशियों एवं सकल बैंक ऋणों की वृद्धि दर एक वर्ष पूर्व दर्ज किए गए 13.5 प्रतिशत और 13.2 प्रतिशत से घट कर जून 2014 में क्रमश: 11.9 प्रतिशत और 12.9 प्रतिशत रह गयी। सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों का ऋण-जमा (सी-डी) अनुपात जून 2014 के अंत में 77.2 प्रतिशत रहा।

  • सकल जमाराशियों की वृद्धि दर में गिरावट शहरी एवं महानगरीय केंद्रों में देखी गयी। हालांकि, सकल बैंक ऋणों की वृद्धि दर महानगरीय केंद्रों में बढी, लेकिन अन्य जनसंख्या समूहों में गिरी। महानगरीय केंद्रों का ऋण-जमा अनुपात 92.8 प्रतिशत तक पहुंच गया। अन्य जनसंख्या समूहों का ऋण-जमा अनुपात अखिल भारतीय स्तर से कम रहा।

  • जून 2014 के अंत में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल जमाराशियों में 73.9 प्रतिशत का एवं सकल बैंक ऋण में 72.5 प्रतिशत का योगदान रहा। इसके बाद निजी क्षेत्र के बैंकों का सकल जमाराशियों एवं सकल बैंक ऋण में योगदान क्रमश: 18.7 प्रतिशत और 19.9 प्रतिशत रहा।

  • चार राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात तमिलनाडु (122.3 प्रतिशत), चंडीगढ (115.7 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (112.3 प्रतिशत), एवं तेलंगाना (108.5 प्रतिशत) का ऋण-जमा अनुपात 100 प्रतिशत से अधिक रहा।

संगीता दास
निदेशक

प्रेस प्रकाशनी: 2014-2015/663

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