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भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा–राशि और ऋण की तिमाही सांख्यिकी – जून 2015’

28 अगस्त 2015

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी
‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की जमा–राशि और ऋण की तिमाही सांख्यिकी – जून 2015’

आज भारतीय रिजर्व बैंक ने 26 जून 2015 को ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंको की जमा–राशि और ऋण पर तिमाही सांख्यिकी’ पर अपना वेब प्रकाशन जारी किया। इसे वेबसाइट https://dbie.rbi.org.in पर भारतीय अर्थव्यवस्था पर अपने डाटाबेस (डीबीआईई) पोर्टल (वेब-लिंक: https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3) के माध्यम से देखा जा सकता है । वेब प्रकाशन में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) सहित सभी वाणिज्यिक बैंकों का डेटा शामिल किया गया है जिसे सकल जमा राशि और कुल ऋण बैंकों द्वारा रिपोर्ट किए गए तिमाही सर्वेक्षण के आधार पर संकलित एवं राज्यों, जिला, केंद्रों (3या अधिक शाखावाले), जनसंख्या समूहों और बैंक-समूहवार रूप में वर्गीकृत किया गया है।

मुख्य बातें:

  • जून 2015 में कुल जमा और सकल बैंक ऋण वृद्धि में एक वर्ष पहले के क्रमशः 11.9 प्रतिशत और 12.9 प्रतिशत से क्रमशः 10.6 प्रतिशत और 8.6 प्रतिशत तक की कमी आई। उपरोक्त कमी व्यापक आधारित थी और सभी जनसंख्या समूहों में देखी गई।

  • एससीबी के कुल कारोबार (कुल जमा एवं सकल बैंक ऋण) के आकार में, सात राज्यों, जैसे महाराष्ट्र, एनसीटी दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात का कुल कारोबार का हिस्सा 68.3 प्रतिशत रहा। अकेले महाराष्ट्र ने कुल कारोबार का 25.5 प्रतिशत योगदान दिया। इन राज्यों में कुल जमा राशि का हिस्सा 66.0 प्रतिशत और सकल बैंक ऋण का हिस्सा 71.4 प्रतिशत रहा।

  • 26 जून 2015 को अखिल भारतीय बैंक ऋण एवं जमा (सी-डी) अनुपात 75.8 प्रतिशत रहा। यह अनुपात सबसे अधिक तमिलनाडु के लिए (117.3 प्रतिशत) उसके बाद चंडीगढ़ (110.8 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (105.1 प्रतिशत), तेलंगाना (103.1 प्रतिशत), एनसीटी दिल्ली (95.0 प्रतिशत), महाराष्ट्र (93.3 प्रतिशत) और राजस्थान के लिए (86.7 प्रतिशत) रहा। अन्य राज्यों के लिए यह अनुपात अखिल भारतीय स्तर से नीचे था।

  • एसबीआई और एसोसिएट्स, आरआरबी और निजी क्षेत्र के बैंकों ने एक साल पहले के अपने स्तर की तुलना में जून 2015 में कुल जमा में बढती वृद्धि को बनाए रखा। क्रेडिट के मामले में निजी क्षेत्र के बैंकों और विदेशी बैंकों ने एक साल पहले के अपने स्तर की तुलना में जून 2015 में अपनी विकास दर में सुधार लाया। हालांकि, निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए ऋण वृद्धि पिछली तिमाही की तुलना में जून 2015 में कम रही।

  • 26 जून 2015 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल जमाओं में 72.5 प्रतिशत और सकल बैंक ऋण में 70.4 प्रतिशत का सबसे बड़ा हिस्सा रहा और इसके बाद निजी क्षेत्र के बैंक (क्रमशः 19.8 प्रतिशत और 20.6 प्रतिशत) रहे।

संगीता दास
निदेशक

प्रेस प्रकाशनी : 2015-2016/526

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