भारतीय रिज़र्व बैंक ने “अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमा और ऋण संबंधी तिमाही सांख्यिकी : मार्च 2016” जारी की
31 मई 2016 भारतीय रिज़र्व बैंक ने 'अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमा और ऋण संबंधी तिमाही सांख्यिकी : मार्च 2016' जारी की भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज मार्च 2016 को समाप्त तिमाही के लिए 'अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की जमा और ऋण संबंधी तिमाही सांख्यिकी' जारी की जोकि अनुसूचित वाणिज्य बैंक (एससीबी), जिसमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) सहित एससीबी भी सम्मिलित है; के तिमाही सर्वेक्षण पर आधारित हैं। इस में बैंकों की जमा और ऋण संबंधी राज्यवार, जिलावार, केंद्रवार, जनसंख्या समूहवार और बैंक समूहवार आंकडे सारणियों में सम्मिलित किए गए हैं। आगे, जमा के प्रकार (जैसेकि चालू जमा, बचत और मीयादी जमाराशियां) के अनुसार सकल जमा संबंधी आंकड़े राज्य/संघराज्य और जिलावार कालश्रेणी में मार्च 2012 दौर से आगे प्रकाशित किए जा रहे हैं जो सर्वेक्षण के इस दौर के साथ भी प्रकाशित किए जा रहे हैं। ये आंकडे dbie.rbi.org.in पर उपलब्ध है और https://dbie.rbi.org.in/DBIE/dbie.rbi?site=publications#!3 से सीधे रूप से प्राप्त किए जा सकते हैं। मुख्य बातें : -
2015-16 के दौरान जमा और ऋण राशियां (वर्ष-दर-वर्ष) घटकर एक वर्ष पूर्व के 10.7 और 9.8 प्रतिशत से 8.6 और 9.3 प्रतिशत हो गई। जमा और ऋण राशियों में 2015-16 के दौरान की कमी व्यापक रूप से सभी जनसंख्या समूहों में पाई गईं। -
सकल जमाराशियों में मीयादी जमाराशियों की हिस्सेदारी सर्वाधिक (63.6 प्रतिशत) रही। उसके बाद रही बचत जमाराशियां (27.4 प्रतिशत) और चालू जमाराशियां (9.1 प्रतिशत)। -
अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के कुल कारोबार (जमाराशियां + बैंक ऋण) के आकार के क्रमानुसार सात राज्यों अर्थात महाराष्ट्र, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और गुजरात की हिस्सेदारी 68.6 प्रतिशत रही। अकेले महाराष्ट्र की हिस्सेदारी कुल कारोबार में 25.7 प्रतिशत थी। इन सात राज्यों की हिस्सेदारी संकलित जमाराशियों में 65.7 प्रतिशत और सकल बैंक ऋण में 72.2 प्रतिशत रही। -
इस तिमाही में अखिल भारतीय ऋण-जमा (सी-डी) अनुपात 77.9 प्रतिशत रहा। तमिलनाडु का ऋण-जमा अनुपात सर्वोच्च (112.9 प्रतिशत) था जिसके बाद आंध्र प्रदेश (104.5 प्रतिशत), तेलंगाना (103.6 प्रतिशत), महाराष्ट्र (102.7 प्रतिशत), चंडीगढ़ (99.5 प्रतिशत), राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (99.4 प्रतिशत) और दादरा तथा नगर हवेली संघ क्षेत्र (91.3 प्रतिशत) का स्थान रहा। -
राष्ट्रीयकृत बैंकों की जमाराशियों और ऋणों की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि में उनके एक वर्ष पूर्व में रहे स्तर की तुलना में कमी आई। हालांकि इसी अवधि में निजी क्षेत्र के बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में ये दर उच्च रहे। -
अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की सकल जमाराशियों तथा सकल बैंक ऋण में 45 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी का अंशदान देकर राष्ट्रीयकृत बैंकों ने अपनी प्रमुख स्थिति को बनाये रखा। भारतीय स्टेट बैंक और इसके सहायक बैंकों तथा निजी क्षेत्र के बैंकों की हिस्सेदारी लगभग समान थीं जो कि 21-24 प्रतिशत की सीमा में रही। संगीता दास निदेशक प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/2784 |