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रिज़र्व बैंक ने वित्तीय महासंघों पर कार्यदल की रिपोर्ट जनता के अभिमतों के लिए जारी की

14 जून 2004

 

रिज़र्व बैंक ने वित्तीय महासंघों पर कार्यदल की रिपोर्ट जनता के अभिमतों के लिए जारी की

 

भारतीय रिज़र्व बैंक ने आज वित्तीय महासंघों (कोंग्लोमेरेट्स) पर कार्यदल की रिपोर्ट जनता के अभिमतों के लिए अपनी वेबसाइट पर डाली। यह रिपोर्ट वर्ष 2004-05 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य के पैरा 131 के अनुसरण में जारी की गयी है। अभिमत प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, विश्व व्यापार केंद्र, मुंबई 400 005 को अथवा फैक्स सं.022-22160932 पर अथवा ई-मेल पते - ुर्र्दज्ीत्ीव्ीवेर्प्हीहव्@ींव.दीु.वह, र्ख्म्प्ीूल्ीख्व@ींव.दीु.वह पर भेजे जाएं।

आपको याद होगा कि गवर्नर महोदय ने वर्ष 2003-04 के लिए मौद्रिक और ऋण नीति की मध्यावधि समीक्षा में सेबी के अध्यक्ष तथा बीमा विनियामक तथा विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के परामर्श से सिस्टीमैटिकली इंपोर्टंट फिनान्शियल इंटरमिडीयरीज़ (एसआइएफआइ) के लिए विशेष निगरानी तंत्र गठित करने के लिए लिये गये निर्णय के बारे में घोषणा की थी। दल का अब नाम बदल कर वित्तीय महासंघों पर कार्यदल (वर्किंग ग्रुप ऑन फिनान्शियल कोंगलोमेरेट्स) कर दिया गया है।

दल ने वित्तीय महासंघों का पता लगाने, अंतर-समूह लेनेदनों तथा इस तरह के महासंघों के बीच एक्सपोज़र्स का पता लगाने के लिए निगरानी तंत्र तथा महासंघों के संबंध में सूचना के अंतर-विनियामक आदान-प्रदान के लिए तंत्र के लिए मानदंड सुझाये हैं।

कार्यदल द्वारा प्रस्तावित ढांचे की खास-खास बातें इस प्रकार हैं :

  • नया ढांचा पहले से मौजूद विनियामक ढांचे - संबंधित विनियामकों, उदाहरण के लिए रिज़र्व बैंक, सेबी, आइआरडीए द्वारा अलग-अलग इकाइयों के पर्यवेक्षण तथा हाल ही में बैंकों के संबंध में शुरू किये गये कन्सोलिडेटेड प्रुडेन्शियल रिपोर्टिंग तंत्र के एक अनुपूरक तंत्र के रूप में प्रस्तावित किया जा रहा है।
  • वित्तीय महासंघों का पता लगाने के लिए एक मानदंड समूह निर्धारित किया जा रहा है जो गहन पर्यवेक्षण निगरानी के अधीन होगा।
  • अंतर-समूह लेनदेनों तथा समूह इकाइयों के बीच एक्सपोज़रों, विभिन्न वित्तीय बाज़ारों तथा बाहरी काउंटर पार्टियों को समूह स्तरीय एक्सपोज़रों और ग्रुप इकाइयों के बीच प्रत्यक्ष/परोक्ष क्रास लिंकेज का पता लगाने के लिए एक फार्मेट बनाया गया है।
  • ‘पदनामित इकाई’ के रूप में पता लगायी गयी कोई भी महासंघ इकाई निर्धारित फार्मेट में अपनी सभी समूह इकाइयों के संबंध में आंकड़ों का मिलान करने और उन्हें अपने स्वयं के विनियामक के पास प्रस्तुत करने के लिए उत्तरदायी होगी। यह विनियामक पूरे महासंघ के लिए प्रधान विनियामक होगा।
  • मौजूदा तकनीकी समितियों में से एक समिति, जिसमें तीनों विनियामक होंगे, प्रस्तावित ढांचे से उभरकर आनेवाले सभी मामलों का निपटारा करने के लिए एक स्थायी अंतर-विनियामक मंच के रूप में कार्य करेगी। तकनीकी समिति समय-समय पर पहचान मानदंडों की भी समीक्षा करेगी।
  • यह कल्पना की गयी है कि ढांचा विनियामकों के बीच निम्नलिखित के संबंध में समय-समय पर सूचना का आदान-प्रदान करेगा; (व) प्रस्तावित फार्मेट के एक हिस्से के रूप में प्राप्त आंकड़ों के विश्लेषण से उभरनेवाले मुद्दे और (वव) रिपोर्टिंग फार्मेट के बाहर कोई और सूचना जिसका पूरे समूह पर असर पड़ता हो।

 

 

अल्पना किल्लावाला

मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी : 2003-2004/1458

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